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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के जरिये दिल्ली में बिजली पर मिलने वाली सब्सिडी से लेकर युवाओं के स्टार्टअप तक का मुद्दा उठाया. केजरीवाल ने गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऐलान किया कि राजधानी को जल्द ही स्टार्टअप हब बनाने की ओर काम किया जाएगा. उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि दिल्ली कैबिनेट ने दिल्ली स्टार्टअप नीति पारित कर दी है.
सीएम केजरीवाल ने कहा कि अब दिल्ली में सभी को मुफ्त बिजली नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा कि दिल्ली में बहुत सारे लोगों को फ्री बिजली मिलती है. इसको लेकर हमें कई सुझाव आते रहते हैं. जिसमें कई लोगों का कहना है कि हम फ्री बिजली नहीं लेना चाहते, हम सक्षम हैं. आप सब्सिडी के इस पैसे को कहीं स्कूल या अस्पताल बनाने में इस्तेमाल करें. केजरीवाल ने कहा कि इस बारे में लोगों से पूछा जाएगा. ऐसे में एक अक्टूबर से उन लोगों को बिजली मुफ्त मिलेगी जो फ्री बिजली मांगेंगे.
ऐसे में दिल्ली में अब फ्री बिजली सुविधा वैकल्पिक रहेगी.
पीएम मोदी का 'गिव इट अप' कार्यक्रम
साल 2015 में मार्च के महीने में हुए अंतरराष्ट्रीय एनर्जी समिट के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सब्सिडी छोड़ो अभियान की शुरुआत की थी उसके बाद से कुछ लोगों ने स्वतः ही इसका उपभोग करना छोड़ दिया.
पीएम ने इस दौरान कहा था कि जो लोग समृद्ध हैं, जिन्हें जरूरत नहीं उन्हें सब्सिडी नहीं लेनी चाहिए. उन्होंने उन लोगों का भी धन्यवाद किया जिन्होंने सब्सिडी लेने से मना कर दिया है.
क्लिक करें: पीएम नरेंद्र मोदी का सब्सिडी छोड़ो अभियान, जिन्हें जरूरत नहीं वो ना लें
केंद्र सरकार ने लोगों को प्रेरित करने के लिए givitup.in वेबसाइट के जरिए इस अभियान से लोगों को जोड़ना शुरू किया. इसकी शुरुआत के बाद से 9 अप्रैल 2015 की दोपहर तक 3,23,822 लोगों ने अपने एलपीजी गैस सिलिंडर पर सब्सिडी नहीं लेने का फैसला करते हुए आवेदन डाला.
इस क्रम में केन्द्र सरकार ने यह आंकड़ा भी जारी किया था कि 'गिव इट अप' कार्यक्रम के चलते केन्द्र सरकार को 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक की बचत हुई है.