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राजधानी दिल्ली में खराब हुई फिजा ठीक होने का नाम ही नहीं ले रही है. इसी के मद्देनजर, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने लोगों को बाहर जाने से बचने की सलाह दी. साथ ही सरकारी और निजी कार्यालयों को गंभीर वायु प्रदूषण को देखते हुए वाहनों के उपयोग को कम से कम 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्देश दिया.
शनिवार की सुबह दिल्ली की हवा का औसत AQI 499 रिकॉर्ड किया गया है. जो कल से भी खराब है. दरअसल, राष्ट्रीय राजधानी ने शुक्रवार को इस मौसम का सबसे खराब एक्यूआई दर्ज किया है. दिल्ली ने अपना 24 घंटे का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 471 बजे शाम 4 बजे दर्ज किया. गुरुवार को AQI 411 दर्ज किया गया था.
दिल्ली से सटे नोएडा में हवा की गुणवत्ता तो और भी खराब है. भारत सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार नोएडा में पीएम 10 का एयर क्वालिटी इंडेक्स 772 पहुंच गया है. बता दें कि जब ये AQI 50 से कम होती है तभी इसे मनुष्यों के सांस लेने लायक होता है. इससे ऊपर की AQI इंसानों के लिए खतरनाक है.
वहीं सीपीसीबी (CPCB) ने शुक्रवार को एक मीटिंग में कहा, "सरकारी और निजी कार्यालयों और अन्य प्रतिष्ठानों को सलाह दी जाती है कि वे वाहन के उपयोग को कम से कम 30 प्रतिशत (घर से काम करके, कार-पूलिंग, फील्ड गतिविधियों को अनुकूलित करके) कम करें. लोगों को बाहरी गतिविधियों को सीमित करने और कम से कम करने की सलाह दी जाती है.
बता दें, आसपास के राज्यों में जलने वाली पराली और दिवाली के मौके पर हुई आतिशबाजी की वजह राजधानी में प्रदूषण (Delhi AQI Level) अधिक बढ़ गया. शुक्रवार को दो इलाकों में एयर क्वालिटी 700 से अधिक दर्ज की गई. हालांकि, औसत तौर पर यह आंकड़ा 360 है. इसके अलावा, राजधानी के कई इलाके रेड जोन में बने हुए हैं.
दिल्ली एनसीआर में पिछले कई दिनों से पॉल्यूशन की वजह से विजिबिलिटी पर भी असर पड़ा है. हवा में स्मॉग की मोटी चादरें दिखाई दे रही हैं. कुतुब मीनार, लोटस टैंपल, अक्षरधाम मंदिर के आसपास के इलाकों में स्मॉग और लो विजिबिलिटी दर्ज की गई. साथ ही 'खराब हवा' की वजह से लोगों को सांस लेने में भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
उल्लेखनीय है कि, शून्य से 50 के बीच एक्यूआई को 'अच्छा', 51 और 100 को 'संतोषजनक', 101 और 200 को 'मध्यम', 201 और 300 को 'खराब', 301 और 400 के बीच 'बहुत खराब' और 401 और 500 को 'गंभीर' माना जाता है.
एक्सपर्ट्स की राय, तुरंत एक्शन की है जरूरत
पिछले कई दिनों से दिल्ली की हवा में 'जहर' घुला हुआ है, जिसकी वजह से लोगों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. एक्सपर्ट रॉय चौधरी ने बताया कि दिल्ली की हवा में जारी स्मॉग एक पब्लिक इमरजेंसी है. इसके लिए धूल वाले सोर्सेज जैसे-कारें, इंडस्ट्रीज, वेस्ट बर्निंग और डस्ट सोर्सेज जैसे कंस्ट्रक्शन और सड़कों पर तुरंत इमरजेंसी एक्शन लेने की जरूरत है, ताकि प्रदूषण को और अधिक फैलने से रोक जा सके. साथ ही, हमें प्रदूषण-सोर्स वाइस और हॉटस्पॉट वाइस स्टेटस पर काम करने की भी जरूरत है.
वहीं, दिल्ली में मौसमी धुंध काफी घनी है. अक्टूबर के मध्य से 8 नवंबर तक पराली दैनिक योगदान पिछले चार वर्षों में सबसे कम रहा है. दिल्ली की इस स्थिति को लेकर एक्सपर्ट ने इसे इमरजेंसी करार दिया और तुरंत एक्शन लेने की जरूरत बताई. हवा की खराब होती गुणवत्ता की वजह से अस्पतालों में सांस और स्किन की समस्या वाले मरीजों की संख्या बढ़ गई है.