
दिल्ली में सर गंगा राम अस्पताल प्रबंधन ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर के खिलाफ हाई कोर्ट का रुख किया है. अस्पताल प्रबंधन ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है. याचिका में अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की गई है.
असल में, कोरोना वायरस की जांच के लिए तय मानदंड पूरा न करने और लापरवाही बरतने के आरोप में दिल्ली सरकार की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने FIR दर्ज की थी.
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दिल्ली सरकार ने महामारी रोग अधिनियम के उल्लंघन के लिए सर गंगाराम अस्पताल पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया था. जिसके बाद गंगाराम अस्पताल पर कोरोना वायरस के टेस्टिंग नियमों के उल्लंघन को लेकर एफआईआर दर्ज की गई थी.
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आईपीसी की धारा 188 के तहत गंगाराम अस्पताल पर एफआईआर दर्ज की गई है. एफआईआर में कहा गया है कि अस्पतालों को स्वास्थ्य मंत्रालय के दिशानिर्देशों का पालन करना और केवल आरटी पीसीआर ऐप के माध्यम से सैंपल एकत्र करना अनिवार्य था. सर गंगाराम ने सैंपल एकत्र करने के लिए आरटी पीसीआर का उपयोग नहीं किया.
पिछले कुछ दिनों से दिल्ली के अस्पतालों को लेकर कई तरह की खबरें सामने आई थीं. अस्पतालों पर कोरोना मरीजों का इलाज न करने और लापरवाही बरतने के आरोप भी लग चुके हैं. हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सभी अस्पतालों को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर कोई भी शख्स इलाज के लिए आता है तो उसका इलाज करना होगा.
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वहीं किसी व्यक्ति को अस्पताल में इलाज करवाने में दिक्कत न हो, यह सुनिश्चित करवाने के लिए अब से सभी कोविड अस्पतालों में दिल्ली सरकार एक प्रोफेशनल नियुक्त करेगी. अस्पताल के अंदर मौजूद प्रोफेशनल जानकारी देगा कि अस्पताल में बेड मौजूद है या नहीं. जो बाद में ऐप पर भी डाला जाएगा. जिससे लोगों तक अस्पताल के अंदर बेड की सही जानकारी पहुंच सके.