
नेशनल ग्रीन टिब्यूनल ने बीते शुक्रवार को गाजीपुर लैंडफिल साइट में कूडें के ढेर के गिरने से हुई 2 लोगों की मौत के मामले में सख्त रुख अख्तियार किया है. एनजीटी ने इस मामले में पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी), दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. साथ ही NGT ने निगमों के कमिश्नरों से पूछा है कि क्यों न उनके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए.
एनजीटी ने कहा कि क्यों न दोषी अधिकारियों के खिलाफ कारवाई करके ग्रीन टैक्स वसूला जाए और उस पैसे को मारे गए लोगों के परिवार को मुआवजे के तौर पर दिया जाए. एनजीटी ने कहा है कि आपने हमारे पिछले साल के उस आदेश का पालन क्यों नहीं किया जिसमें हमने कूडे़ के ढेर को जैविक उपचार के जरिये कम करने का आदेश दिया था. एनजीटी ने कहा कि इस मामले में आपके पास इस समस्या के लिए क्या एक्शन प्लान है. पिछले शुक्रवार को दोपहर तीन बजे के आसपास गाजीपुर डम्पिंग ग्राउंड में जमा कूड़े का एक बड़ा हिस्सा ढह कर रोड पर गिर गया था, जिसके चलते 2 लोगों की मौत हो गई थी.
एमसीडी पर दिल्ली के लैंडफिल साइट के कूडे़ को नियत्रिंत करने का जिम्मा है. एनजीटी ने सालिड वेस्ट मैनेजमेंट को लेकर पहले ही एमसीडी को अपने साफ दिशा-निर्देश दिए हुए हैं. लेकिन उसके बावजूद अमल अभी तक नहीं हुआ . एमसीडी लगातार फंड न होने का रोना रोती है कि दिल्ली सरकार से उसे फंड नहीं मिल रहा है. दिल्ली में फिलहाल 13 कूड़ा घर हैं, जिनमें से गाजीपुर समेत 3 साइटों का ही ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. इन इलाकों में एयर पॉल्यूशन को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल सुनवाई कर रहा है. फिलहाल इस मामलें में 12 सितंबर को एनजीटी दोबारा सुनवाई करेगा.