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रमजान में मिले भूखों को खाना, शुरू किया Gift Meal campaign

इस्लामिक रिलीफ इंडिया के साथ मिलकर दिल्ली के रेस्तरां ने इस रमजान उन लोगों को खाना खिलाने की शुरुआत की है जिनके पास खानेके लिए नहीं था. उन्होंने GiftAMeal नाम का अभियान शुरू किया है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
केशवानंद धर दुबे/अहमद अजीम
  • नई दिल्ली,
  • 14 जून 2017,
  • अपडेटेड 6:28 PM IST

इस्लामिक रिलीफ इंडिया के साथ मिलकर दिल्ली के रेस्तरां ने इस रमजान उन लोगों को खाना खिलाने की शुरुआत की है जिनके पास खाने के लिए नहीं था. उन्होंने GiftAMeal नाम का अभियान शुरू किया है.

जब भी हम रमजान के बारे में सोचते है, तो मन में सबसे पहले उपवास, खाना, उत्सव, नए कपड़े और इफ्तार पार्टी का ख्याल आता है. लेकिन क्या यह वास्तव में ये ही रमजान का मतलब है? रमजान का मतलब तो अपने और अल्लाह और आपके परिवेश के साथ सद्भाव का निर्माण है. दुनिया में 800 मिलियन से अधिक लोगों को भूखे सोते है, जबकि लगभग 24,000 लोग भुखमरी के कारण मर रहे हैं.

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रमजान के दौरान दुनिया भर में लगभग डेढ़ अरब लोग 30 दिनों के लिए भोजन छोड़ देते हैं. यह ये जानने के लिए किया जाता है कि भूख और भूखमरी को महसूस किया जा सके. यह समझने के लिए कि गरीब और असुरक्षित लोग किस तरह जी रहे है. इस प्रकार, रमजान गरीबी उन्मूलन और संसाधन के पुनर्वितरण के लिए सबसे बड़ा कदम है. इस दिशा में एक कदम उठाते हुए, इस्लामिक रिलीफ इंडिया ने अपने जाति, पंथ या धर्म के बावजूद, रमजान के अवसर पर गरीबों और वंचितों को खिलाने के लिए Gift a meal अभियान शुरू कर दिया है.

रमजान के महीने में इस्लामिक रिलीफ इंडिया ने रेस्तरां चेन जैसे- नज़ीर फूड्स, सलीम, अल बैक, करीम और होटल रिवर व्यू के साथ साझेदारी की है. इनमें से कुछ रेस्तरां प्रत्येक सप्ताह के लिए विशेष रूप से पैक किए गए रमजान खाद्य पैकेट की शुरुआत कर रहे हैं. कुछ ने अभियान standees की शुरुआत की है. जिसमें गरीबों को 100 रुपये में भोजन उपलब्ध कराया जाए.

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झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों को मिले खाना
रॉबिन हुड आर्मी की सहायता से पार्टनर के रूप में, इस्लामिक रिलीफ इंडिया झुग्गी झोपड़ी, क्लस्टर और दिल्ली में रह रहे बेघर लोगों को खाद्य पैकेज को बांट रहा हैं. इस्लामिक रिलीफ इंडिया के हेड अकमल शरीफ, मिशन ऑफ इंडिया और नेपाल का कहना है, कि यह अभियान इस्लामिक रिलीफ इंडिया के बहुत करीब है. रमजान के इस अवसर पर लोगों को भोजन मिलने पर उनके चेहरें पर आई हंसी हमें संतुष्टि देती है जो हमें आगे बढ़ता है.

साथ ही अकमल ने कहा कि रामजान का महीना बलिदान, करुणा, न्याय, शांति और सामंजस्य को बढ़ावा देता है. उन्होंने बताया कि हम अब तक 500 से ज्यादा लोगों को भोजन प्रदान करने में सफल रहे हैं और कम से कम 5000 लोगों को उपलब्ध करानें का लक्ष्य है.

दिल्ली में 5000 लोगों को रमजान के महीने में मिले खाना
आरूषी बत्रा, रॉबिन हुड आर्मी सह-संस्थापक का कहना है कि जब इस्लामिक रिलीफ इंडिया ने रमजान में मदद मांगने के लिए उनके gift a meal अभियान के जरिए हमसें संपर्क किया, तो हम भी मदद करने में बहुत खुश थे. रमजान के आखिरी हफ्ते में, इन रेस्तरां में एकत्र किए गए दान का इस्तेमाल भोजन के पैकेट बनानें में किया जाएगा. इस्लामिक रिलीफ इंडिया का लक्ष्य है कि इस अभियान के माध्यम से दिल्ली में 5000 लोगों को रमजान के महीने में खाना पहुंचाना है.

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