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Goa पुलिस ने अरविंद केजरीवाल को भेजा नोटिस, 27 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा, जानिए क्या है मामला

गोवा पुलिस ने दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया है और 27 अप्रैल को पेश होने के लिए कहा है. साथ ही आम आदमी पार्टी के गोवा प्रमुख एडवोकेट अमित पालेकर को भी तलब किया गया है. अमित का कहना हैं कि फिलहाल वह देश से बाहर हैं. वापस आने पर मामले में जानकारी लेंगे.

Delhi के CM अरविंद केजरीवाल और 'आप' के गोवा प्रमुख अमित पालेकर. Delhi के CM अरविंद केजरीवाल और 'आप' के गोवा प्रमुख अमित पालेकर.
aajtak.in
  • पणजी,
  • 14 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST

साल 2022 के गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी (AAP) ने प्रचार के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों पर पार्टी के पोस्टर, बैनर और स्टीकर लगाए थे. इस मामले में शिकायत दर्ज की गई थी. इसके संबंध में गोवा की पेडना पुलिस ने AAP के संयोजक अरविंद केजरीवाल और पार्टी के गोवा प्रमुख एडवोकेट अमित पालेकर को तलब किया है. अमित को आज और अरविंद केजरीवाल को 27 अप्रैल को थाने में पेश होने को कहा गया है.

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वहीं, जब इस मामले को लेकर अमित पालेकर ने कहा,'' मैं इस समन के बारे में कुछ नहीं जानता. मुझे कल दोपहर तक यह नहीं मिला. फिलहाल पांच दिनों के लिए भारत से बाहर जा रहा हूं. मैं इसे नहीं ले सका. अगर समन भेजना था तो पुलिस को दो दिन पहले भेजना चाहिए था. मैं समन मिलने के बाद पुलिस के पास जाऊंगा.''

27 अप्रैल को पेश होना है अरविंद केजरीवाल को

अरविंद केजरीवाल को 27 अप्रैल को पेश होने का नोटिस जारी किया गया है. उन्हें दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 (ए) (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसीजर) के तहत नोटिस जारी किया गया है. 

क्या है मामला

दरअसल, गोवा विधानसभा चुनाव के दौरान आप ने पार्टी के प्रचार के लिए सरकारी और कुछ निजी संपत्तियों पर नॉन-रिमूवेबल स्टीकर लगाए थे. मामले में केंद्रीय चुनाव आयोग ने इस संपत्ति विरूपण का संज्ञान लिया और ईडी की एक टीम को गोवा भेजा गया था.

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ईडी की टीम ने नगर पालिका और पंचायत संचालनालय से संपत्ति क्षतिग्रस्त स्थानों की जानकारी ली थी.  पिर दोनों विभागों ने अपनी रिपोर्ट ईडी को सौंपी थी. रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने कुछ थानों में शिकायत दर्ज की. 

क्या होती है दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 (ए) ?

दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 41 (ए) के तहत पुलिस किसी व्यक्ति को पूछताछ के लिए बुला सकती है यदि 'उचित' शिकायत या संदेह है कि उसने अपराध किया है.

( इनपुट - रितेश देसाई )

 

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