
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार विक्लांग छात्रों के लिए शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है. जावड़ेकर ने कहा कि मानव संसाधन मंत्रालय ऐसे छात्रों के लिए छात्रवृत्ति बढ़ाने के लिए भी काम कर रहा है.
इसके बाद उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की एक समिति पाठ्यक्रम की समीक्षा करेगी जो विक्लांग छात्रों की शिक्षा का एक महत्वपूर्ण घटक साबित होगी. प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा कि वंचित सामाजिक समूहों की बाधाओं और जरुरतों के प्रति कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को अधिक उत्तरदायी बनाने के लिए यूजीसी ने समान अवसर प्रकोष्ठ स्थापित करने के लिए संस्थानों को वित्तीय सहायता प्रदान की है ताकि वंचित समूहों के लिए नीतियों और कार्यक्रमों को प्रभावी तरीके से लागू करने की निगरानी की जा सके और उन्हें शैक्षिक, वित्तीय, सामाजिक और अन्य मामलों में मार्गदर्शन तथा अन्य जानकारी उपलब्ध कराई जा सके.
जावड़ेकर ने कहा कि उनका मंत्रालय जगतगुरु रामभद्राचार्य विक्लांग विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने के किसी भी प्रस्ताव पर विचार करेगा ताकि विक्लांग छात्रों की शिक्षा में और सुधार लाया जा सके. इस विश्वविद्यालय ने अनुकरणीय आदर्श स्थापित किए हैं जहां लगभग पांच हजार दिव्यांग छात्रों को शिक्षित किया गया है और सफलतापूर्वक नियोजित कर के सशक्त बनाया गया है.