Advertisement

गेस्ट टीचर्स मामले में शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को HC की फटकार

दिल्ली में इस वक्त करीब 17000 गेस्ट टीचर्स सरकारी स्कूलों में काम कर रहे हैं. ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा है कि वह LG से मिलकर इस समस्या का कोई हल निकाले और 17 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई में इसके बारे में कोर्ट को सूचित करें.

दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो) दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया (फाइल फोटो)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 30 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:00 PM IST

दिल्ली में गेस्ट टीचर्स के मामले पर हाई कोर्ट ने डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट आए सिसोदिया को उम्मीद थी कि अदालत दिल्ली सरकार को शायद कुछ राहत देगी लेकिन राहत तो नहीं मिली बल्कि हाईकोर्ट ने शिक्षा मंत्री को ही आड़े हाथों ले लिया.

हाईकोर्ट ने शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को कड़ी फ़टकार लगाते हुए कहा कि सरकार क्यों नियुक्तियों के नियमों का पालन नहीं करना चाहती? कोर्ट ने इसके पीछे सरकार का स्वार्थ जानना चाह कि वो क्यों गेस्ट टीचर्स को स्थाई करना चाहती है. कोर्ट ने कहा कि अगर टीचर्स लायक हैं तो परीक्षा पास करके भी चुनकर आ सकते हैं.

Advertisement

दिल्ली हाईकोर्ट का सवाल था कि दिल्ली सरकार क्यों उन गेस्ट टीचर्स को स्थाई करना चाहती है जो परीक्षा भी पास करने का टैलेंट नहीं रखते. हालांकि मनीष सिसोदिया ने शिक्षा मंत्री के तौर पर अपना पक्ष रखते हुए कोर्ट को कहा कि अगर 17 हज़ार गेस्ट टीचर्स को हटाया गया तो ये दिल्ली के सरकारी स्कूलों के 60 लाख बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होगी.

हाई कोर्ट कोर्ट ने कहा कि आपके वकील ने पहले ही कहा था कि गेस्ट टीचर्स को स्थाई टीचर्स से रिप्लेस किया जाए, नियम के मुताबिक़ गेस्ट टीचर्स को स्थाई नहीं किया जा सकता. बिना टेस्ट पास किये उन्हें स्थाई टीचर्स नहीं बनाया जा सकता. दिल्ली हाईकोर्ट का सवाल था कि अगर LG और दिल्ली सरकार दोनों बच्चों के भविष्य के बारे में सोचते हैं तो फिर समस्या का हल क्यों नहीं खोजते.

Advertisement

हाल ही में LG ने दिल्ली सरकार के गेस्ट टीचर्स को स्थाई करने के प्रस्ताव को ख़ारिज करते हुए कहा था कि स्थाई टीचर्स की भर्ती परीक्षा को पास करने के बाद ही दी जाएगी.

दिल्ली में इस वक्त करीब 17000 गेस्ट टीचर्स सरकारी स्कूलों में काम कर रहे हैं. ऐसे में दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा है कि वह LG से मिलकर इस समस्या का कोई हल निकाले और 17 फरवरी को होने वाली अगली सुनवाई में इसके बारे में कोर्ट को सूचित करें. कोर्ट ने सरकार से कहा है कि किसी भी हाल में इस साल अगस्त तक दिल्ली के सरकारी स्कूलों में स्थाई टीचर्स रखे जाने अनिवार्य हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement