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'हर घर तिरंगा' अभियान का हुआ जोरदार असर, देशवासियों ने खरीदे 500 करोड़ के झंडे

अलग-अलग तिरंगा अभियानों ने राष्ट्रीय ध्वज की रिकॉर्ड बिक्री करवाई है. देश में 500 करोड़ के राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हुई है. 20 दिनों के अंदर 30 करोड़ से ज्यादा तिरंगा झंडा तैयार किए गए. 10 लाख से ज्यादा लोगों को शॉर्ट टर्म के लिए व्यापार मिला. लोगों ने अपने घरों में तिरंगा झंडा तैयार किए और व्यापार किया है.

राष्ट्रीय ध्वज ( फाइल फोटो ) राष्ट्रीय ध्वज ( फाइल फोटो )
आदित्य के. राणा
  • नई दिल्ली ,
  • 15 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 9:23 PM IST

देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर आजादी के अमृत महोत्सव से जुड़े आयोजनों ने इकॉनमी को काफी फायदा पहुंचाया. खासकर इस मौके के लिए शुरू किये गए पीएम नरेंद्र मोदी के 'हर घर तिरंगा' अभियान से छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को बड़ी मदद मिली है. व्यापारी संगठन कैट के मुताबिक वोकल फॉर लोकल (Vocal for local) और आत्मनिर्भर भारत की सरकार की मुहिम को इन आयोजनों ने नई पहचान दिलाई है. जिसका असर यूं हुआ कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश में 500 करोड़ रुपये के तिरंगा खरीदे गए.

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'हर घर तिरंगा' अभियान से 500 करोड़ का कारोबार देश में हुआ है. पिछले 20 दिनों में देश में 30 करोड़ तिरंगा झंडा तैयार किए गए. जिससे 10 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार मिला. हर घर तिरंगा सहित अन्य तिरंगा यात्रा के चलते 500 करोड़ के तिरंगा झंडा खरीदे गए हैं. तिरंगा झंडा निर्माण और बिक्री का यह नया रिकॉर्ड देश में बना है. पिछले कई साल में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्रीय ध्वज की सालाना बिक्री करीब 150-200 करोड़ रुपये तक ही सीमित रहती थी. लेकिन इस बार तिरंगा आयोजन ने झंडे की बिक्री कई गुना बढ़ा दी.

फ्लैग कोड में बदलाव बड़ी वजह

राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री बढ़ाने में बीते करीब 15 दिनों में देशभर में आयोजित हुए तिरंगा कार्यक्रमों का भी बड़ा रोल रहा है.  रैलियों, मार्च, मशाल जुलूस, तिरंगा गौरव यात्रा, सार्वजनिक सभाओं और सम्मेलनों में भी बड़े तिरंगा कार्यक्रम आयोजित किए जाने से राष्ट्रीय ध्वज की बिक्री हुई है. यह सब इसलिए भी संभव हो सका क्योंकि सरकार ने फ्लैग कोड ( Flag Code ) में बदलाव किया.  जिसके तहत सरकार ने पॉलिएस्टर और मशीनों से झंडे बनाने की अनुमति दी.इससे देशभर में झंडों को आसानी से मुहैया कराया जा सका. पहले भारतीय तिरंगा केवल खादी या कपड़े से बनाने की ही अनुमति थी.

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तिरंगा अभियानों के चलते भारतीय कारोबारियों की क्षमता का भी इम्तिहान हुआ. जिसमें कारोबारी सफल भी हुए. देश में पिछले 20 दिनों के रिकॉर्ड समय में 30 करोड़ से ज्यादा झंडों का निर्माण किया गया. तिरंगा निर्माण में ज्यादा योगदान MSMEसेक्टर का रहा. जिसने सबसे ज्यादा संगठित तरीके से बड़ी संख्या में भारतीय झंडा तैयार करने में लगातार काम किया. देश में 10 लाख से ज्यादा लोगों को शॉर्ट टर्म के लिए अतिरिक्त रोजगार मिला. इन लोगों ने अपने घर में या छोटे स्थानों पर स्थानीय दर्जियों की मदद से बड़े पैमाने पर तिरंगा झंडा बनाया.

व्यापारी संगठन की सरकार से अपील

तिरंगा झंडा को लेकर देशवासियों की दिवानगी को देखते हुए व्यापारी संगठनों ने सरकार से अपील की है. व्यापारी संगठनों का कहना है कि देशभर में पिछले 20 दिनों में तिरंगा अभियान के प्रति लोगों के उत्साह और देशभक्ति को देखते हुए सरकार को अलग अलग क्षेत्रों के संगठनों के साथ पीपीपी मॉडल ( PPP Model ) में भारत की मूल कला और व्यापारिक दक्षताओं को जगाने के लिए अभियान चलाना चाहिए. जिसका मूल उद्देश्य राष्ट्र सर्प्रवथम हो. हर घर तिरंगा अभियान से दुनिया में भारत का बड़ा मजबूत संदेश गया है और इसने लोगों को देशभक्ति के एक धागे में पिरोने का भी काम किया है.

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