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धर्म परिवर्तन के खिलाफ कानून से जुड़ी याचिका पर सुनवाई टली

धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कारगर कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई अगले सोमवार तक टल गई है. इस संबंध में सॉलिसिटर जनरल ने सुप्रीम कोर्ट से आग्रह किया था. उन्होंने तर्क दिया कि सरकार सभी राज्यों से जानकारी इकट्ठा कर सुप्रीम कोर्ट को देगी. इसमें एक सप्ताह का समय और लग जाएगा.

सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)
संजय शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 05 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST

दबाव और प्रभाव से धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए कारगर कानून बनाने की मांग वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को अगले सोमवार तक टाल दी है. इस संबंध में आज हुई सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार सभी राज्यों से जानकारी इकट्ठा कर सुप्रीम कोर्ट को देगी. इसमें एक सप्ताह का समय और लग जाएगा. लिहाजा इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते तक टाल दी जाए.

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हर समय टोकाटाकी उचित नहीं होती

उधर, सुनवाई टाली जाने पर याचिकाकर्ता के वकील संजय हेगड़े ने टोका तो जस्टिस शाह ने कहा कि जब गंभीर चर्चा हो रही हो तो संयम से काम लेना चाहिए. हर समय टोकाटाकी उचित नहीं होती है.

सुप्रीम कोर्ट भी जायज बता चुका है
 
वहीं, सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि एक उच्च अधिकार प्राप्त स्वतंत्र वैधानिक प्राधिकरण यानी स्टेट्यूटरी अथॉरिटी है. वही पूरी पड़ताल कर तय करेगी कि धर्म परिवर्तन के पीछे लालच है क्या? कई राज्यों में से कुछ के बनाए कानूनों को सुप्रीम कोर्ट भी जायज बता चुका है. वो कानून न्यायिक आयोग की रिपोर्ट के आधार पर बनाया गया था. 

याचिका फर्जी और काल्पनिक

एसजी ने कहा कि राज्यों में धर्म परिवर्तन निरोधक कानूनों और प्रावधानों को इकट्ठा कर हम कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करेंगे. केरल युक्तिवादी संगम के वकील सी यू सिंह ने कहा कि हम उपाध्याय की याचिका का विरोध करते हैं. हम तर्कवादी हैं. याचिका फर्जी और काल्पनिक आरोपों पर आधारित है. 

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बातों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया

जस्टिस शाह ने कहा कि आपकी दलीलें सुनकर हमने खारिज कर दी हैं. याचिका को आप सुनवाई योग्य नहीं मानते, लेकिन हम इसे सुन रहे हैं. आपको अगर तथ्य जानने हों तो याचिका और हलफनामा पढ़िए. इस पर भी सी यू सिंह ने कहा कि एक भी आरोप तथ्यपरक और दमदार नहीं है. सिर्फ मामूली बातों को बढ़ा-चढ़ाकर बताया गया है. 

 

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