
दिल्ली हाई कोर्ट ने कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां की याचिका पर सुनवाई करते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया है. दिल्ली हिंसा मामले में यूएपीए कानून के तहत आरोपी इशरत जहां को गिरफ्तार किया गया था और निचली अदालत ने पुलिस को इस मामले में जांच करने के लिए 60 दिन का अतिरिक्त समय दे दिया था. इसी को आरोपी इशरत जहां ने दिल्ली हाईकोर्ट में चुनौती दी हुई है.
बीते 26 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने आरोपी इशरत जहां को गिरफ्तार किया था. दिल्ली पुलिस ने निचली अदालत से जांच के लिए अतिरिक्त समय मांगते हुए अदालत को बताया था कि उमर खालिद ने इस्लामी उपदेशक और भगोड़े जाकिर नाइक समेत कुछ और लोगों से विदेश में मुलाकात की थी. इस मुलाकात का मकसद आतंकी गतिविधियों के उनके एजेंडे को फैलाने के लिए पैसा इकट्ठा करने का था. इशरत को किसी गुप्त माध्यम से और खालिद सैफी को पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के अलावा विदेशों से भी अवैध धन मिला था.
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हाई कोर्ट में पुलिस ने दिए अपने हलफनामे में कहा है कि अभी इस मामले में जांच जारी है. अदालत ने इन्हीं दलीलों को सुनने के बाद पुलिस को 60 दिन का अतिरिक्त समय जांच के लिए दे दिया था. दिल्ली हाई कोर्ट को अब अपने आदेश में ये साफ करना है कि क्या इशरत जहां के मामले में निचली अदालत का 60 दिनों का पुलिस को दिया गया अतिरिक्त समय का फैसला जारी रहेगा या फिर हाई कोर्ट उसे बदलेगी.
इशरत जहां ने कुछ दिनों पहले ही शादी की है. शादी करने के लिए इशरत जहां को निचली अदालत ने 10 दिनों की अंतरिम जमानत पर रिहा किया था. इशरत जहां की नियमित जमानत अर्जी निचली अदालत पहले ही खारिज कर चुकी है. इशरत जहां फिलहाल जेल में बंद है. दिल्ली हाई कोर्ट कुछ वक्त पहले ही शरजील इमाम की इसी तरह की याचिका को खारिज कर चुकी है. शरजील ने भी निचली अदालत द्वारा दिल्ली पुलिस को जांच के लिए दिए गए 90 दिन के अतिरिक्त समय को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी.