Advertisement

दिल्ली को कचरा मुक्त बनाने को लेकर हाईकोर्ट ने लगाई एजेंसियों को फटकार

मानसून के दौरान दिल्ली में फैले कूड़े और उसके कारण डेगू चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के पनपने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त है. दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए तीनों सीविक एजेंसियों को जम कर फटकार लगाई है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2017,
  • अपडेटेड 9:08 PM IST

मानसून के दौरान दिल्ली में फैले कूड़े और उसके कारण डेगू चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के पनपने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त है. दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए तीनों सीविक एजेंसियों को जम कर फटकार लगाई है. हालांकि कोर्ट ने दिल्ली को गार्बेज फ्री बनाने के लिए सफाई को तीन वर्गों में बाट दिया है. इसके अलावा दिल्ली में सफाई की हर सप्ताह मॉनिटरिंग भी दिल्ली हाईकोर्ट करेगा.

Advertisement

हाइकोर्ट ने इसके साथ ही 50 साल के लिए सफाई पर एक्शन प्लान बनाने का भी दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियों को निर्देश दिया है. पिछले साल मानसून से चिकनगुनिया और डेंगू से दिल्ली में कई लोगों को मौत हो गई थी. लेकिन, इस बार मानसून से पहले ही दिल्ली में साफ-सफाई को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट सख्त है. अप्रैल के महीने से ही दिल्ली हाईकोर्ट की इस पर नज़र है कि सरकार और एजेंसिया क्या कर रही हैं.

कोर्ट ने तीनों एमसीडी को फटकार लगाते हुए पूछा कि कब तक देश की राजधानी गार्बेज फ्री बन पाएगी. हालांकि कोर्ट ने बाद में खुद ही राजधानी को कचरा फ्री बनाने के लिए सफाई को तीन वर्गों में बांट दिया है. साथ ही खुद हाईकोर्ट इसे रेगुलर मॉनिटर करेगी. सफाई को लेकर हाईकोर्ट ने कहा कि सभी सिविक एजेंसिया इलाके में सफाई कर्मचारियों की डिटेल वेबसाइट पर दें और वो भी फोटो के साथ, ताकि अगर किसी इलाके में सफाई नहीं होती है तो लोग खुद ही कर्मचारियों से संपर्क कर लें. कर्मचारियों के अलावा वेबसाइट इलाके के सुपरवाइजर का भी डिटेल डाला जाए.

Advertisement

सफाई को लेकर और साथ ही वहीं दिल्ली को अगले 50 सालों तक गार्बेज फ्री बनाने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने एक्शन प्लान बनाने का निर्देश दिया है. साथ ही गार्बेज फ्री बनाने के लिए के इस एक्शन प्लान में मशहूर पर्यावरणविद सुनीता नरायणन समेत एमसी मेहता जैसे पर्यावरणविद से सलाह लेने का निर्देश दिया है.

हालांकि कोर्ट ने एमसीडी कर्मचारियों को लेकर कहा कि तीनों एमसीडी को राजधानी दिल्ली में सफाई करने के लिए गंभीर कदम उठाने की जरूरत है. साथ ही एमसीडी के सफाई कर्मचारी जो काम नहीं करते हैं, उनके खिलाफ कठोर कदम उठाएं. कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कहा कि राजधानी में सफाई को लेकर किसी भी प्रकार से कोई समझौता नहीं किया जा सकता. मामले की अगली सुनवाई कोर्ट 12 जुलाई को करेगा.

 

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement