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डेंगू और चिकनगुनिया जैसी गंभीर बीमारी पर दिल्ली हाई कोर्ट हुआ सख्त

पिछले कुछ सालों से राजधानी दिल्ली में महामारी के तौर पर फैल रही डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारियों की रोकथाम के लिए हाईकोर्ट फिलहाल सरकार और एमसीडी से ज्यादा सक्रिय दिख रहा है. इस मामले से जुडे सभी लोगों को कोर्ट ने कुछ मीडिया रिपोर्टस पर संज्ञान लेते हुए तुरंत बुलाया और कहा कि आप हमे अपने हलफनामे में बता रहें हैं कि दिल्ली में हर जगह पर आपने साफ सफाई कर दी है लेकिन मीडिया रिपोर्ट हलफनामे के उलट रिपोर्ट दिखा रही है कि दिल्ली में जगह जगह कूडे पड़े हुए हैं उन्हें सिविक एजेंसियां 4-4 दिन तक नही उठा रही है.

दिल्ली हाई कोर्ट हुआ सख्त दिल्ली हाई कोर्ट हुआ सख्त
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2017,
  • अपडेटेड 2:37 PM IST

पिछले कुछ सालों से राजधानी दिल्ली में महामारी के तौर पर फैल रही डेंगू और चिकनगुनिया की बीमारियों की रोकथाम के लिए हाई कोर्ट फिलहाल सरकार और एमसीडी से ज्यादा सक्रिय दिख रहा है. इस मामले से जुडे सभी लोगों को कोर्ट ने कुछ मीडिया रिपोर्टस पर संज्ञान लेते हुए तुरंत बुलाया और कहा कि आप हमे अपने हलफनामे में बता रहें हैं कि दिल्ली में हर जगह पर आपने साफ सफाई कर दी है लेकिन मीडिया रिपोर्ट हलफनामे के उलट रिपोर्ट दिखा रही है कि दिल्ली में जगह जगह कूडे पड़े हुए हैं उन्हें सिविक एजेंसियां 4-4 दिन तक नही उठा रहीं हैं.

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वहीं हाई कोर्ट ने दिल्ली के सभी एमसीडी के वकीलों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि आपके कोर्ट में दिए गए जूठे हलफनामों पर क्यों न आपके खिलाफ कोर्ट की अवमानना का मामला शुरू कर दें.  कोर्ट इस पर विचार कर सकती है अगर आपका रवैया नहीं बदला तों. फिलहाल कोर्ट ने सभी पक्षों को सख्त आदेश देते हुए कहा कि मानसून की तैयारियों को लेकर सभी पक्ष अपनी तैयारियों में तेजी लाए. कोर्ट ने सफाई कर्मचारियों की रूकी हुई तनख्वाह और सफाई के दौरान मिलने वाले सामान के एमसीडी से मुहैया न होने पर भी नाराजगी जाहीर की.

दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियों की तैय़ारियों से नाखुश है - हाई कोर्ट

इससे पहले पिछली सुनवाई में डेगू और चिकनगुनिया जैसी जलजनित बीमारियों के लिए बनाया गया प्रोग्राम (National Vector Borne Disease Control Programme) के डायरेक्टर जनरल पीके सेन को दिल्ली हाई कोर्ट ने 4 सप्ताह में एक ऐसा व्यापक कार्यक्रम बनाने का निर्देश दिया था. जिसे सभी एजेंसियां डेगू और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों को खत्म करने के लिए लागू कर सकें. हाई कोर्ट स्वत संज्ञान लेकर इस मामले पर सुनवाई कर रहा है. और पिछले एक महीने में करीब आधा दर्जन से ज्य़ादा बार सुनवाई कर चुका है. लेकिन दिल्ली सरकार और सिविक एजेंसियों की तैय़ारियों से अभी भी नाखुश है.

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हाई कोर्ट में अगली सुनवाई 2 जून को

डयूटी पर तैनात जो लोग अपने काम में लापरवाही करते हैं. जिससे मच्छर पैदा होतें है. उनके खिलाफ किस तरह की धाराओं में केस दर्ज करके मामला चलाया जा सकता है. इसके अलावा कोर्ट ने सरकार और एमसीडी को भी एक ऐसी रिपोर्ट बनाने को कहा है. जिसमें ये साफ हो कि किस कर्मचारी ने किस घर में जाके फोंगिग की है और अगर उस घर में मच्छरों से कोई बीमार होता है तो उस कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जा सकें. कोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 2 जून को करेगा.

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