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संजीव चतुर्वेदी मामले में प्रशांत भूषण के आरोपों पर हाईकोर्ट ने सीबीआई से मांगा हलफनामा

प्रशांत भूषण की तरफ़ से हाई कोर्ट में एक याचिका लगायी गयी थी जिसमें उन्होंने संजीव चतुर्वेदी को एम्स से इसलिए हटाया गया क्योंकि वो एम्स के भ्रष्टाचार को लगातार उजागर कर रहे थे.

संजीव चतुर्वेदी संजीव चतुर्वेदी
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 04 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 8:56 PM IST

संजीव चतुर्वेदी को एम्स से हटाने के मामले में बुधवार को सुनवाई के दौरान वकील प्रंशात भूषण ने कोर्ट को बताया कि सीबीआई ने एम्स के भ्रष्टाचार से जुड़े दो मामलों मे अभी तक कोई एफआईआर दर्ज नहीं की है. हाईकोर्ट ने प्रशांत भूषण के तर्क को सुनने के बाद सीबीआई को इस मामले मे अपना हलफ़नामा दाखिल करने को कहा है. सीबीआई अपने हलफनामे मे प्रशांत भूषण के आरोपों पर सफाई देने के अलावा ये भी कोर्ट को बताएगी कि उसकी जांच की अबतक की जांच किस स्टेज पर है और किस दिशा मे वो जांच कर रही है. हाई कोर्ट इस मामले में अब 15 फरवरी को सुनवाई करेगा.

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प्रशांत भूषण की तरफ़ से हाई कोर्ट में एक याचिका लगायी गयी थी जिसमें उन्होंने संजीव चतुर्वेदी को एम्स से इसलिए हटाया गया क्योंकि वो एम्स के भ्रष्टाचार को लगातार उजागर कर रहे थे. इस मामले मे अब जांच कर रही एजेंसी सीबीआई पर भी प्रशांत भूषण ने कई सवाल खड़े कर दिए है. दरअसल, सीपीआईएल की जनहित याचिका में प्रशांत भूषण ने आरोप लगाया था कि चतुर्वेदी एम्स के कई घोटालों की जांच कर रहे थे इसलिए उन्हें पद से हटा दिया गया, इसके बाद नड्डा ने जांच में दखल दिया. याचिका में कहा गया है कि नड्डा को एम्स की अनुशासन समिति से हटना चाहिए.

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