
जम्मू-कश्मीर से पाबंदी हटाने को लेकर दिल्ली यूनिवर्सिटी के तहत आने वाले हिन्दू कॉलेज के छात्रों ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखी है. इस चिट्ठी में छात्रों पीएम मोदी से अनुरोध किया है कि घाटी में लगाई गई पाबंदियों जल्द से जल्द हटा लिया जाए. उन्होंने कई स्लोगन भी लिखे हैं, जैसे 'बहुत नफरत है जमाने में, प्यार तो कर लिया हमने भी, प्यार के लिए ना लड़े तो क्या किया?'
दरअसल, दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिन्दू कॉलेज और सेंट स्टीफंस कॉलेज के बीच हमेशा से किसी न किसी मुद्दे पर विरोध रहा है. लेकिन शुक्रवार को दोनों कॉलेज के छात्र कश्मीर के मुद्दे पर एक हो गए. हिन्दू कॉलेज के छात्रों ने घाटी में लगी पाबंदियों को हटाने के लिए पीएम मोदी को पोस्टकार्ड लिखे और सेंट स्टीफंस के छात्रों ने इस मुहीम को आगे बढ़ाने का काम किया. हिंदू कॉलेज के छात्रों ने सोशल मीडिया पर भी पोस्ट शेयर किया है.
दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन की पूर्व अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा, 'कश्मीर में 61वें दिन भी पाबंदी जारी है. हम कब तक चुप रहना चाहते हैं. राज्य की मशीनरी द्वारा एक पूरे समुदाय के अस्तित्व को दुनिया से अलग-थलग कर दिया गया है और हम उनकी बेहतरी के नाम पर जश्न मना रहे हैं. हमने कश्मीर की आवाज को बंद कर दिया है और फिर कह रहे हैं कि सब कुछ सामान्य है.'
उन्होंने कहा, 'वर्तमान में कश्मीरी लोग अपनों से बात नहीं कर सकते और हम कहते हैं कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए है. हम कहते हैं कि सभी को समान नागरिकता मिली है, लेकिन कश्मीरियों का राज्य और नागरिकता के बारे में क्या समझ है इसके बारे में भी नहीं सुनना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'हमें बोलने की जरूरत है और हमने देखा है कि कैसे सेंट स्टीफन के छात्रों ने इस पर एक सशक्त रुख अपनाया है. उन्होंने कश्मीर में संचार पर पाबंदी को हटाने की अपील करते हुए पीएम को पोस्टकार्ड लिखे हैं.'
उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि 50 पैसे वाले पीले रंग के पोस्ट कार्ड बदलाव कर सकते हैं. कॉलेजों में एकजुटता बदलाव ला सकती है. यही कारण है कि आज हम कॉलेज में इकट्ठा हुए और पीएम को कई पत्र लिखे. यह भी ऐसे समय में जहां प्रधानमंत्री को पत्र लिखते हुए, भीड़ की निंदा करने से आपको खतरा हो सकता है. चाहे कुछ भी हो जाए, हमेशा प्रार्थना, कविता और विरोध होगा. हमेशा एकजुटता और प्रेम की याद आती रहेगी.'