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फ्रांस विवाद के बीच हिंदू सेना ने इस्लामिक कल्चरल सेंटर के बाहर चिपकाया पोस्टर

हिंदू सेना की तरफ से अपना बयान जारी करते हुए कहा गया है कि आज पूरा विश्व इस्लामिक आतंकवाद से परेशान है. फ्रांस में भी उसी आधार पर हमले किए गए हैं.

इस्लामिक सेंटर के बाहर चिपाकए पोस्टर (फोटो- आजतक) इस्लामिक सेंटर के बाहर चिपाकए पोस्टर (फोटो- आजतक)
अरविंद ओझा
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:26 PM IST
  • फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ मुस्लिम देशों में गुस्सा
  • हिंदू सेना ने किया विरोध, चिपकाए पोस्टर
  • इस्लामिक कल्चर सेंटर के बाहर लगाया पोस्टर

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैन्युअल मैक्रों के बयान के बाद मुस्लिम समुदाय में गुस्सा है. पूरी दुनिया में मुस्लिम समुदाय के लोग उनके बयान को लेकर निंदा कर रहे हैं. भारत की औद्योगिक राजधानी मुंबई में भी शनिवार को फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध देखने को मिला. मुस्लिम समुदाय के लोगों ने नागपाड़ा और भिंडी बाजार इलाके में फ्रांस के राष्ट्रपति की तस्वीर सड़क पर चिपका कर प्रदर्शन किया. जिसके बाद रविवार को हिंदू सेना के लोगों ने दिल्ली में लोधी रोड स्थित इस्लामिक कल्चरल सेंटर के बाहर पोस्टर चिपका कर इस घटना का विरोध किया.

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उन्होंने इस्लामिक कल्चरल सेंटर की दीवारों पर पोस्टर्स लगाकर इसे जिहादी आतंकवादी सेंटर करार दिया है. हिंदू सेना की तरफ से अपना बयान जारी करते हुए कहा गया है कि आज पूरा विश्व इस्लामिक आतंकवाद से परेशान है. फ्रांस में भी उसी आधार पर हमले किए गए हैं. वहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के बयान को लेकर सभी मुस्लिम देश उनका विरोध कर रहे हैं. इससे यह जाहिर होता है कि ये सभी जिहादी लोग हैं और इस्लामिक आतंकवाद का समर्थन करते हैं. 

उन्होंने कहा कि भारत की सभ्यता आतंकवाद फैलाना नहीं है, इसलिए इस इस्लामिक कल्चरल सेंटर को बंद करना चाहिए. वहीं योग गुरु रामदेव ने फ्रांस की घटना को लेकर शुक्रवार को आजतक से खास बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि ना तो इस्लाम खतरे में है और ना ही इस्लाम को कोई खतरा है. न कुरान से ना बाइबिल से और न ही दुनिया की कोई किताब से खतरा है. खतरा है आतंकवाद से, कट्टरवाद से. इस वजह से पूरी दुनिया में इस्लाम बदनाम हो रहा है. 

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उन्होंने आगे कहा, 'दुनियाभर के मौलानाओं, मौलवियों को यह सोचना पड़ेगा कि क्यों आखिर इस्लाम को मानने वाले लोग ही इस तरह की घटनाओं में आगे आ जाते हैं. किसी का गला काटने या कहीं शरियत ना लागू करने पर, मुस्लिम देशों के ध्रुवीकरण के नाम पर ये जो पूरी दुनिया में फसाद हो रहा है ये आखिर दुनिया को कहां ले जाएगा. ये एक बड़ा सवाल है? कट्टरवाद का झंडा उठाने वाले लोगों को हमें रोकना पड़ेगा.'

बता दें, इस पूरे मामले को लेकर भारत सरकार फ्रांस के साथ है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फ्रांस के नीस शहर में हुए आतंकी हमले समेत हालिया हमलों की निंदा की है. वहीं विदेश मंत्रालय ने भी मैक्रों के ऊपर हो रहे हमलों की निंदा करते हुए कहा कि आतंक के खिलाफ लड़ाई में भारत फ्रांस के साथ है. 

इससे पहले गुरुवार को नीस चर्च के बाहर एक शख्स ने अपने चाकू से एक महिला की गला रेत दी थी. उसके अलावा दो अन्य लोगों की हत्या कर दी थी. भारत समेत कई देश इस आतंकवादी हमले की निंदा कर रहा है. माना जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच यह गुस्सा राष्ट्रपति मैक्रॉन के विवादित बयान के बाद भड़का था, जिसमें कहा गया था कि इस्लाम एक ऐसा धर्म है जिससे आज पूरी दुनिया में संकट में है. उनके इस बयान के बाद से ट्विटर पर हैशटैग #BoycottFrenchProducts, #BoycottFrance Products, #boycottfrance #boycott_French_products #ProphetMuhammad ट्रेंड करने लगा. बयान के बाद से वह मुस्लिम देशों की आलोचना का शिकार हो गए.

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