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NIA के SP के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में बड़ा एक्शन, गृह मंत्रालय ने किया सस्पेंड

NIA ने अपने ही अधिकारी सीनियर अधिकारी के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है. जांच एजेंसी ने विशाल गर्ग के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में रेड मारी है. उनका दफ्तर सील कर दिया गया है. सूत्रों के मुताबिक इस मामले में गृह मंत्रालय ने एसपी गर्ग को सस्पेंड कर दिया है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 25 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 7:58 AM IST

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के एसपी विशाल गर्ग के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में बड़ा एक्शन लिया गया है. सूत्रों के मुताबिक इस मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए गृह मंत्रालय ने एसपी गर्ग को सस्पेंड कर दिया है. विशाल गर्ग पर एनआईए के मणिपुर से जुड़े एक मामले में पैसे लेने का आरोप लगा है. आरोप लगने के बाद जांच ऐजेंसी ने अपने ही सीनियर अधिकारी के ऊपर रेड की और हेड क्वार्टर में मौजूद उनके ऑफिस को सील कर दिया.

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इस मामले में कार्रवाई करते हुए एनआईए (NIA) ने जांच टीम का गठन किया है. बता दें कि विशाल गर्ग पर दो साल पहले भी हाफिज सईद से जुड़े फंडिंग केस में दिल्ली के व्यापारी से 2 करोड़ रुपये लेने के आरोप लगे थे. तब NIA की जांच के बाद SP विशाल गर्ग सहित 2 लोगों को क्लीन चिट मिल गई थी.

हाफिज सईद से जुड़े मामले में भी हुआ था एक्शन

इससे पहले एक साल तक निलंबित रखने के बाद पुलिस अधीक्षक (एसपी) रैंक के अधिकारी विशाल गर्ग को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) मुख्यालय में SP ट्रेनर के रूप में बहाल किया गया था. यह निलंबन हाफिद सईद से जुड़े मामले में ही हुआ था.

दिल्ली के कारोबारी ने लगाए थे ब्लैकमेलिंग के आरोप

2019 में दिल्ली के एक कारोबारी ने एनआईए के 3 अधिकारियों के खिलाफ ब्लैकमेलिंग के आरोप लगाए थे. व्यवसायी ने आरोप लगाया था कि अधिकारियों ने फलाह-ए-इन्सानियत फाउंडेशन से जुड़े एक आतंकी मामले में उसका नाम नहीं लेने के लिए 2 करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी. पाकिस्तान में स्थित इस चैरिटी संस्था का संचालन हाफिज सईद करता है. इस मामले में एनआईए ने जुलाई 2018 में मामला दर्ज किया था.

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गृह मंत्रालय को भेजी गई थी जांच की रिपोर्ट

सूत्रों के मुताबिक मामले की जांच के लिए डीआईजी रैंक के एक अधिकारी के नेतृत्व में अध्यक्षता वाली आंतरिक खोज टीम ने अधिकारी को कमेटी का गठन किया गया था. इसकी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को भेजी गई थी.

स्लीपर सेल-लॉजिस्टिक बेस बनाने की रची थी साजिश

बता दें कि फलाह-ए-इन्सानियत की जांच में पाया गया कि हाफिज सईद ने अपने साथी के साथ मिलकर 2012 के आसपास दिल्ली और हरियाणा में धार्मिक नेताओं की आड़ में स्लीपर सेल और लॉजिस्टिक बेस बनाने की साजिश रची थी.

समझौता ब्लास्ट के मामले की जांच टीम में शामिल रहे

एनआईए से सस्पेंड किए गए एसपी विशाल गर्ग 2007 के समझौता और अजमेर ब्लास्ट के मामले की जांच टीम में रह चुके हैं. 26/11 हमले के बाद स्थापित की गई एनआईए में बीएसएफ से डेपुटेशन में आए विशाल गर्ग को एनआईए में स्थाई रूप से शामिल कर लिया गया था. मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के एनजीओ फलाह-ए-इंसानियत से भारत में कई मदरसों में फंडिंग हुई थी. इस मामले की भी जांच 2018-19 में विशाल गर्ग ने किया था.

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