
नॉर्थ दिल्ली में रहने वालों के लिए अच्छी खबर है, कम से कम एक साल तक नॉर्थ दिल्ली में हाउस टैक्स की दरों में कोई बदलाव नहीं हो सकेगा. कमिश्नर पीके गुप्ता ने साल 2016-17 के संशोधित बजट और 2017-18 के अनुमानित बजट प्रस्ताव में इस बात की घोषणा की है. बजट भाषण के दौरान कमिश्नर ने ये भी साफ किया कि साल 2017-18 में कोई नया टैक्स भी नहीं लगाया जाएगा.
आर्थिक तंगी से जूझ रही नॉर्थ एमसीडी का सालाना अनुमानित बजट सोमवार को निगम मुख्यालय में पेश किया गया. कमिश्नर द्वारा पेश किये गए बजट में जनता पर किसी तरह को कोई बोझ नहीं डाला गया है, यानी की कमिश्नर ने अपने बजट में किसी तरह के टैक्स या शुल्क में कोई बढ़ोतरी नहीं की है और न ही किसी भी तरह के नए टैक्स की घोषणा की गई है.
हालांकि नॉर्थ एमसीडी ने अपनी आय बढ़ाने के लिए कई अन्य उपायों पर विचार जरूर किया है. जिसमें सिविक सेंटर के सी ब्लॉक को किराए पर देने से 88 करोड़ रुपए सालाना की आय, रानीबाग और शिवा मार्किट की पार्किंग में कमर्शियल स्पेस को बेचने से 74 करोड़ और 73 करोड़ रुपए की आय होना, निगम की अलग अलग 855 जगहों पर बैंक के एटीएम के लिए किराये पर देने से 120 से 148 करोड़ रुपए की आय होना, शहनाई बैंकेट हॉल से 7.30 लाख हर महीने किराये के रूप में आना, मॉडल टाउन अंडर ग्राउंड कार पार्किंग को लीज़ पर देने से 6.8 लाख हर महीने की आय की उम्मीद है. तो वहीं भलस्वा लैंडफिल साइट को चारों तरफ से विज्ञापनों से ढकने की तैयारी है ताकि सामने से गुजरने वाले को गंदगी ना दिखे और इससे विज्ञापनों के जरिए निगम की आय भी हो सके. इसके अलावा नॉर्थ एमसीडी ने अपनी आय बढ़ाने के लिए अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रहा है.
अपनी आय बढाने के लिए नार्थ एमसीडी कमिश्नर ने 200 करोड़ रुपये साउथ एमसीडी से किराए के तौर पर लेना प्रस्तावित किया है हालांकि साउथ एमसीडी में नेता सदन सुभाष आर्य ने कहा है कि ऐसे किसी भी मामले का पत्रों के जरिए जवाब दे दिया जाएगा.
अगले साल दिल्ली में एमसीडी की सभी 272 सीटों के लिए चुनाव होना है और बजट पर उसका प्रभाव साफ तौर पर दिख रहा है. सीमित आय होने के बावजूद स्वच्छता, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी सुविधाओं को मजबूत बनाने के लिए भी काफी प्रयास किये हैं. सार्वजनिक शौचालयों के रखरखाव का काम निजी कार्पोरेट कंपनियों को दिया जाएगा, जिससे शौचालयों की सफाई के साथ साथ निगम की आय भी होगी और खर्चे का एक बड़ा हिस्सा भी बचेगा. डोर टू डोर कूड़ा उठाने की व्यवस्था को दुरुस्त करने के अलावा नरेला बवाना पर स्तिथ वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को जल्द शुरू करना कमिश्नर ने अपनी प्राथमिकता रखी. शिक्षा को लेकर भी नॉर्थ एमसीडी ने कई तैयारियां की है. छात्रों को अच्छी शिक्षा से लेकर उनकी यूनिफार्म, किताबें और हाई क्लास रूम बनाने जैसी योजनाओं का प्रस्ताव रखा है. बवाना के वेस्ट टू एनर्जी प्लांट को भी जल्द ही शुरू करने का जिक्र बजट में किया है. हालांकि एमसीडी नेता इसे लोकलुभावन बजट से ज्यादा जनहितैषी बजट बता रहे हैं.