Advertisement

'धारा 144 के बीच सत्तारूढ़ दल प्रदर्शन की अनुमति कैसे मांग सकता है?', दिल्ली हाईकोर्ट का AAP से सवाल

आम आदमी पार्टी ने कहा था कि वह बढ़े हुए पानी के बिलों और इस मुद्दे को संबोधित करने के उद्देश्य से प्रस्तावित एकमुश्त निपटान योजना में बाधा डालने वाले अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी. इसमें दावा किया गया था कि दोषपूर्ण जल बिलों के निवारण के लिए दिल्ली सरकार की एकमुश्त निपटान योजना में शहरी विकास सचिव द्वारा प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत करने से इनकार करने के कारण बाधा उत्पन्न हुई है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP की याचिका पर सुनवाई की दिल्ली हाईकोर्ट ने AAP की याचिका पर सुनवाई की
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार को आम आदमी पार्टी से पूछा कि एक सत्तारूढ़ राजनीतिक दल राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति कैसे मांग सकता है, वो भी तब जब किसानों के आंदोलन के मद्देनजर सभाओं के खिलाफ निषेधाज्ञा लागू है.

पीटीआई के मुताबिक न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने कथित तौर पर बढ़े हुए पानी के बिल के संबंध में 25 फरवरी को जंतर-मंतर पर 800 लोगों के शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति देने से पुलिस के इनकार को चुनौती देने वाली आम आदमी पार्टी (आप) की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि यदि अनुमति जी जाती है ऐसे अन्य आवेदनों की बाढ़ आ जाएगी.

Advertisement

जस्टिस ने कहा, "जब पी2 (सीआरपीसी की धारा 144 के तहत एक आदेश) मौजूद है, तो एक सत्तारूढ़ पार्टी (अनुमति के लिए) कैसे आ सकती है? ऐसे में आपको अनुमति नहीं दी जा सकती है. अगर आपके लिए अनुमति दी गई तो इससे बाकी लोगों के लिए रास्ते खुल जाएंगे."

याचिकाकर्ता की ओर से मामले में उपस्थित वरिष्ठ वकील ने कहा कि धारा 144 के आदेश के बाद भी, हजारों लोगों को सभा आयोजित करने की अनुमति दी गई और एक राजनीतिक दल को भी बहुत बड़े धूमधाम के साथ अनुमति दी गई.

वरिष्ठ वकील ने कहा, "हम रविवार को सीमित क्षेत्र के भीतर केवल 800 लोगों के साथ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने जा रहे हैं. सीमाओं से आवाजाही को रोकने के लिए कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं. इसलिए यह किसी भी कीमत पर इन संगठनों के लिए आंदोलन नहीं होने जा रहा है."

Advertisement

हालांकि, आम आमदी पार्टी के वकील ने याचिका तब वापस ले ली जब अदालत ने कहा कि वह पुलिस के वकील को निर्देश लेने के लिए सोमवार तक का समय देगी.

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, आम आदमी पार्टी ने कहा था कि वह बढ़े हुए पानी के बिलों और इस मुद्दे को संबोधित करने के उद्देश्य से प्रस्तावित एकमुश्त निपटान योजना में बाधा डालने वाले अधिकारियों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू करेगी. इसमें दावा किया गया था कि दोषपूर्ण जल बिलों के निवारण के लिए दिल्ली सरकार की एकमुश्त निपटान योजना में शहरी विकास सचिव द्वारा प्रस्ताव को मंत्रिपरिषद के समक्ष प्रस्तुत करने से इनकार करने के कारण बाधा उत्पन्न हुई है.

याचिका में आम आदमी पार्टी ने कहा था कि दिल्ली पुलिस ने 25 फरवरी को जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन करने के उसके अनुरोध को जान-बूझकर और मनमाने ढंग से अस्वीकार कर दिया था.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement