दिल्ली में 4 दिन के लिए Severe Heat wave का कहर, बरसती आग और लू के थपेड़ों से ऐसे करें खुद की हिफाजत
पूरे उत्तर भारत में खासतौर पर दिल्ली एनसीआर में आगामी 4 दिनों तक तेज लू और गर्मी की लहर तीव्रता से चलेगी. इस क्रम में आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने हीटवेव से बचाव के लिए "क्या करें, क्या न करें" की निर्देशिका जनहित में जारी की है.
बेतहाशा गर्मी ने रविवार को भारत के बड़े हिस्से में रोजमर्रा के काम भी मुहाल कर दिए. दक्षिण-पश्चिम दिल्ली के नजफगढ़ में तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जो इस मौसम में अब तक देश में सबसे अधिक है. इस भीषण गर्मी ने कम आय वाले परिवारों को परेशान कर दिया है, जहां अक्सर पानी और ठंडक कम पहुंच पाती है और चिलचिलाती धूप में काम करने वाले मजदूरों की सहनशक्ति का इंतेहान होता है.
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भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने हरियाणा, चंडीगढ़, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में भीषण गर्मी की सूचना दी है. यहां तक कि हिमाचल प्रदेश के हिल स्टेशन भी भीषण गर्मी से जूझ रहे हैं. पूरे उत्तर भारत में खासतौर पर दिल्ली एनसीआर में आगामी 4 दिनों तक तेज लू और गर्मी की लहर तीव्रता से चलेगी. इस क्रम में आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण ने हीटवेव से बचाव के लिए "क्या करें, क्या न करें" की निर्देशिका जनहित में जारी की है.
अधिक से अधिक पानी पीएं. प्यास न लगी हो तब भी पानी पिएं.
हल्के रंग के पसीना सोखने वाले सूती कपड़े पहनें.
घर से बाहर निकलते समय धूप के चश्मे, छाता, टोप यानी हैट व चप्पल का प्रयोग करें.
अगर आप खुले में कार्य करते हैं तो सिर, चेहरा, हाथ, पैरों को गीले कपड़े से ढककर रखें. तेज धूप से बचने के लिए छाते का प्रयोग करें.
लू से प्रभावित व्यक्ति को छाया में लिटाकर सूती गीले कपडे से पोंछे या नहलायें और जल्दी डॉक्टर से सम्पर्क करें.
यात्रा करते समय पीने का पानी साथ रखें. कच्ची प्याज खाएं और ऊपरी जेब में भी रखें.
ओआरएस, घर में बने पेय पदार्थ जैसे-लस्सी, कच्ची अंबियों का पना, इमली का पानी, चावल का पानी, नींबू पानी, छाछ आदि का उपयोग करें, जिससे शरीर में पानी की कमी की भरपाई हो सके.
हीट स्ट्रोक, हीट रैश, हीट कैम्प के लक्षणों जैसे कमजोरी, चक्कर आना, सरदर्द, उबकाई, पसीना आना, बेहोशी आदि को पहचानना.
अगर बेहोशी या बीमारी अनुभव करते है तो तुरन्त चिकित्सकीय सलाह लें.
अपने घर को ठण्डा रखें. पर्दे, दरवाजे आदि का प्रयोग करें तथा रात व शाम के समय कमरों व घर को ठण्डा करने के लिये इन्हें खोल दें.
पंखे, गीले कपडे़ का प्रयोग करें तथा बार-बार स्नान करें.
कार्यस्थल पर पीने का शीतल पानी रखें.
कर्मियों को सीधे सूर्य की रोशनी से बचने के लिए सावधान करें.
श्रमसाध्य कार्यो को ठंडे समय में करने/कराने का प्रयास करें.
घर से बाहर होने की स्थिति में आराम करने की समयावधि तथा आवृत्ति को बढायें.
गर्भवती महिला कर्मियों तथा रोग्रगस्त कर्मियों पर अतिरिक्त ध्यान देना चाहिए.
हीटवेव में क्या न करें
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जानवरों और बच्चों को कभी भी बंद/खड़ी गाड़ियों में अकेला न छोड़ें.
दोपहर 11 से 04 बजे के मध्य सूर्य की रोशनी में जाने से बचें. सूर्य के ताप से बचने के लिये जहां तक सम्भव हो, घर के निचली मंजिल पर रहें.
गहरे रंग के भारी तथा तंग कपडे़ न पहनें.
जब बाहर का तापमान अधिक हो, तब श्रमसाध्य कार्य न करें.
अधिक प्रोटीन तथा बासी एवं संक्रमित खाद्य व पेय पदार्थ का सेवन न करें.