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दिल्लीः नए साल के जश्न में अगर चलाए पटाखे, तो हो सकती है डेढ़ साल से लेकर 6 साल तक की सजा

अगर कोई भी व्यक्ति किसी तरह के पटाखों को चलाता है, और कोई दूसरा व्यक्ति उसका सबूत देते हुए दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में शिकायत दाखिल करता है तो उसकी जांच करने के बाद अगर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को लगता है कि कोर्ट के आदेश और उसके नियमों का उस व्यक्ति ने उल्लंघन किया है तो इसकी शिकायत कोर्ट को भेज देता है.

दिल्ली में नए साल पर पटाखे छोड़ने पड़ सकता है भारी (सांकेतिक-रॉयटर्स) दिल्ली में नए साल पर पटाखे छोड़ने पड़ सकता है भारी (सांकेतिक-रॉयटर्स)
पूनम शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST
  • प्रदूषण की वजह से दिल्ली-NCR में पटाखों पर रोक
  • एनजीटी ने पटाखों की खरीद-बिक्री पर रोक लगाई
  • शिकायत मिलने पर आरोपी के खिलाफ कोर्ट में केस चलेगा

नए साल का जश्न अगर आप अपने घर में ही मनाने जा रहे हैं तो गलती से भी पटाखे मत चलाइएगा क्योंकि अगर आपने पटाखे जलाए और पकड़े गए तो डेढ़ साल से लेकर 6 साल तक की सजा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी अलग से लगाया जा सकता है.

दरअसल, प्रदूषण के बढ़ते स्तर को देखते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने दिवाली से पहले ही पटाखों को चलाने और उनको खरीदने-बेचने पर दिल्ली-एनसीआर में पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया था. अब दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड ने भी नोटिफिकेशन जारी करके साफ कर दिया है कि अगर एनजीटी के आदेश का पालन नहीं किया गया और उन्हें शिकायत मिली तो आरोपी के खिलाफ कोर्ट में केस दाखिल करके ट्रायल चलेगा जिसमें डेढ़ साल से लेकर 6 साल तक की सजा का प्रावधान है.

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अगर कोई भी व्यक्ति किसी तरह के पटाखों को चलाता है, और कोई दूसरा व्यक्ति उसका सबूत देते हुए दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड में शिकायत दाखिल करता है तो उसकी जांच करने के बाद अगर प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को लगता है कि कोर्ट के आदेश और उसके नियमों का उस व्यक्ति ने उल्लंघन किया है तो वह इसकी शिकायत फिर कोर्ट को भेज देता है.

आरोपी पर चलेगा मुकदमा

कोर्ट इस मामले में उस व्यक्ति को समन जारी करके बुलाता है और फिर इस मामले में उस व्यक्ति पर आरोप तय किए जाते हैं. जिसके बाद पटाखे चलाने वाले व्यक्ति के खिलाफ मुकद्दमा चलता है. इस मामले में आरोपी को कोर्ट से जमानत लेनी होती है.

मुकदमा शुरू होने के बाद उन लोगों की गवाही चलती है, जिन्होंने दिल्ली प्रदूषण बोर्ड में शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद मामले से जुड़े गवाह और सबूत जब कोर्ट के सामने आ जाते हैं, जिसके बाद कोर्ट अंतिम नतीजे पर पहुंचती है.

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फिलहाल इस तरह के मामलों की सुनवाई दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में एसीएमएम स्तर के जज के द्वारा की जाती है. दिल्ली में इन मामलों को फिलहाल एसीएमएम अभिलाष मल्होत्रा देख रहे हैं. पटाखे चलाने को लेकर आरोपी पर चलने वाला मामला एयर पॉल्यूशन एक्ट के सेक्शन 37 और सेक्शन 41 के तहत दर्ज किया जाता है.

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इसी एक्ट के तहत चलने वाले मामले में डेढ़ साल से लेकर 6 साल तक की सजा का प्रावधान है. हालांकि लोगों में जागरूकता की कमी होने के कारण या फिर पटाखे चलाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई कैसे हो, इसकी पूरी जानकारी नहीं होने के चलते भी अक्सर ये शिकायतें कोर्ट तक नहीं पहुंच पाती है.

ऐसे में अगर अपने आसपास आप भी अब पटाखा चलते हुए देखें तो तुरंत इसकी शिकायत दिल्ली प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड को करें और साथ में सबूत के तौर पर पटाखे चलाने वाले व्यक्ति का वीडियो भी बनाएं.

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