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बिहार का रहने वाला वो अधिकारी, जिसने राजघाट पर बाइडेन को किया रिसीव, जानिए इनके बारे में सबकुछ

जी-20 शिखर सम्मेलन की सामने आई हर तस्वीर की अपनी एक कहानी है. फिर वो प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सम्मेलन में आए राष्ट्राध्यक्षों का गर्मजोशी से स्वागत करना हो, या अक्षरधाम मंदिर में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी का धार्मिक लुक हो. हर तस्वीर अपने आप में बहुत कुछ संजोए हुए है.

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और आईएफएस अधिकारी अविनाश कुमार सिंह. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और आईएफएस अधिकारी अविनाश कुमार सिंह.
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST

भारत की अध्यक्षता में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन का सफल समापन हो गया है. समिट की सामने आई हर तस्वीर की अपनी एक कहानी है. फिर वो प्रधानमंत्री मोदी द्वारा सम्मेलन में आए राष्ट्राध्यक्षों का गर्मजोशी से स्वागत करना हो, या अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple) में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक और उनकी पत्नी का धार्मिक लुक हो. हर तस्वीर अपने आप में बहुत कुछ संजोए हुए है. ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ एक अधिकारी दिख रहे हैं. हर कोई जानना चाहता है आखिर ये कौन है...

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बता दें कि इस तस्वीर में जो. बाइडेन के साथ दिख रहे अफसर अविनाश कुमार सिंह हैं. जिन्होंने राजघाट पर अमेरिकी राष्ट्रपति को रिसीव किया. अविनाश साल 2012 बैच के आईएफएस अफसर हैं और मूलरूप से बिहार के कैमूर जिले के महुवर गांव के रहने वाले हैं. 

अविनाश ने लखनऊ से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की

अविनाश पढ़ाई में शुरू से ही अच्छे थे. उनके पिता एक कॉलेज में प्रिंसिपल थे, जिनका कुछ दिन पहले देहांत हो गया. उनकी मां गृहणी हैं. अविनाश ने इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, लखनऊ से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की. इसके बाद टीसीएस में काम भी किया. इसके साथ-साथ वो सिविल सेवा की तैयारी भी करते रहे.

कैमूर ही नहीं पूरे बिहार को गर्व महसूस कराया

इसके बाद वो वक्त भी आया जिसने कैमूर ही नहीं पूरे बिहार को गर्व महसूस कराया. साल 2012 में अविनाश ने यूपीएससी में ऑल इंडिया 136 रैंक पाई. ये सफलता उन्हें दूसरे प्रयास में मिली थी. यूपीएससी में भूगोल (Geography) और लोक प्रशासन (Public administration) को ऑप्शनल पेपर चुना था. वो बतौर आईएफएस अफसर फ्रांस और पाकिस्तान में सेवाएं दे चुके हैं. वर्तमान में डिप्टी चीफ प्रोटोकॉल (DCP) अफसर हैं.

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प्रधानमंत्री मोदी ने 'वन फ्यूचर' पर की बात

बताते चलें कि जी-20 समिट के पहले दिन ही सम्मेलन में घोषणापत्र जारी करने पर 100 फीसदी सहमति बन गई थी. रविवार को अंतिम सत्र को पीएम मोदी ने संबोधित किया और फिर अंत में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को जी-20 की अध्यक्षता सौंपी. 

अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 'वन फ्यूचर' पर बात की. प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां हम ऐसे Future की बात कर रहे हैं, जिसमें हम Global विलेज से आगे बढ़कर Global Family को हकीकत बनता देखें. एक ऐसा फ्यूचर, जिसमें देशों के केवल हित ही नहीं जुड़े हों, बल्कि हृदय भी जुड़े हों.

ये हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है- पीएम

जी 20 देशों से आग्रह करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैंने GDP सेंट्रिक अप्रोच के बजाय Human Centric Vision पर निरंतर आपका ध्यान आकर्षित किया है. आज भारत जैसे अनेक देशों के पास ऐसा कितना कुछ है, जो हम पूरे विश्व के साथ साझा कर रहे हैं. भारत ने चंद्रयान मिशन के डेटा को मानव हित में सबके साथ शेयर करने की बात की है. ये भी Human Centric ग्रोथ को लेकर हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है.'

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