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संसद की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है पीछे लग रही अवैध मार्केट

संसद भवन हाई सिक्योरिटी जोन में आता है, पास में ही राष्ट्रपति भवन और तमाम मंत्रालयों की बिल्डिंग है. ऐसे में संसद भवन से मात्र 500 मीटर दूर शास्त्री भवन जहां पर तमाम मंत्रालय के दफ्तर हैं, उसके ठीक सामने पिछले कई सालों से अवैध मार्केट लगती आ रही है.

संसद की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है ये अवैध मार्केट   संसद की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बन सकती है ये अवैध मार्केट
अंकित यादव
  • नई दिल्ली,
  • 23 नवंबर 2017,
  • अपडेटेड 11:22 PM IST

यूं तो आपने अवैध मार्केट और अतिक्रमण कई इलाकों में सुना होगा लेकिन आप हैरान होंगे कि ऐसी ही एक मार्केट देश की संसद भवन के पास बनी हुई है और बीते कई सालों से चल रही है.

संसद भवन हाई सिक्योरिटी जोन में आता है, पास में ही राष्ट्रपति भवन और तमाम मंत्रालयों की बिल्डिंग है. ऐसे में संसद भवन से मात्र 500 मीटर दूर शास्त्री भवन जहां पर तमाम मंत्रालय के दफ्तर हैं, उसके ठीक सामने पिछले कई सालों से अवैध मार्केट लगती आ रही है.

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सुरक्षा जानकारों की एक रिपोर्ट कहती है कि संसद भवन के पास यह अवैध मार्केट संसद की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकती है, इसे हटाया जाना चाहिए. संसद की सुरक्षा के प्रति किसी भी तरह की ढिलाई ना बरतते हुए तुरंत ही इस अवैध बाजार को यहां से हटाया जाना चाहिए.

एनडीएमसी ने कहा कार्रवाई करेंगे

इस मसले पर जब आजतक की टीम ने एनडीएमसी यानी नई दिल्ली नगरपालिका परिषद के चेयरमैन नरेश कुमार से बात की तो उन्होंने इसे गंभीर मामला मानते हुए तुरंत कार्रवाई करने का भरोसा दिया, साथ ही उन्होंने कहा कि अभी तक यह रिपोर्ट एनडीएमसी के पास नहीं पहुंची है लेकिन कारवाई करने में देर नहीं की जाएगी.

कई सालों से लग रही है अवैध मार्केट

शास्त्री भवन के सामने 100 से ज्यादा अवैध रूप से हॉकर अपनी दुकानें लगाते हैं, लेकिन सुरक्षा की दृष्टि से यह संवेदनशील है क्योंकि दुकान बंद करने के बाद बड़े-बड़े बक्से सामान भरे हुए उसी जगह पर छोड़ दिए जाते हैं, ऐसे में उन बक्सों पर सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा होता है.

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सरकारी विभागों की उदासीनता का उदाहरण

दरअसल दिल्ली में जगह-जगह अवैध मार्केट और अतिक्रमण की शिकायत बेहद पुरानी है, और उस पर कई बार कोर्ट तक फटकार लगा चुका है लेकिन सरकारी विभाग कार्यवाही करने में कितने लापरवाह हैं यह किसी से छिपा नहीं है लेकिन जब देश की संसद के पास इस तरह का मामला सामने आता है तो स्थिति और भी गंभीर हो जाती है कि अगर संसद के पास अतिक्रमण और अवैध बाजार चल सकता है तो दूसरे इलाकों की तो बात ही छोड़ दीजिए.

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