
दिल्ली और इसके आस-पास के इलाकों में एक बार फिर गरज के साथ बारिश का दौर शुरू हो चुका है. राष्ट्रीय राजधानी में कल यानी 29 मार्च की शाम को दिल्ली-एनसीआर में मौसम ने करवट ली और तेज हवाओं के बीच बादलों की गर्जना के साथ बारिश हुई. बता दें कि मार्च के महीने की शुरुआत बारिश के साथ हुई और इसका अंत भी बारिश के साथ ही होने की संभावना है. आइये जानते हैं दिल्ली और इसके आसापास के इलाकों के लिए क्या है मौसम विभाग का अपडेट.
दिल्ली में 3 दिन ओले-बारिश की संभावना
मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली एजेंसी स्काईमेट के मुताबिक, आज और कल यानी 30 और 31 मार्च को आसमान में बादल छाए रहेंगे. साथ ही गरज के साथ हल्की बारिश या बूंदाबांदी हो सकती है. 31 मार्च की शाम को कुछ इलाकों में ओलावृष्टि और तेज बारिश होने की उम्मीद है. सिस्टम के अवशेष 01 अप्रैल को भी छिटपुट बौछार छोड़ सकते हैं.
दिल्ली के बारिश की संभावना
तापमान की बात करें तो मौसम विभाग के मुताबिक, आज न्यूनतम तापमान 19 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस रह सकता है. कल यानी 31 मार्च को अधिकतम तापमान में गिरावट की संभावना है. जो 28 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है. लेकिन इन दो दिन तेज हवाओं और बादल की गर्जना के साथ बारिश की संभावना बनी हुई है.
नोएडा-गाजियाबाद में धूलभरी आंधी के साथ बारिश
दिल्ली से सटे नोएडा का मौसम भी अगले कुछ दिन तक सुहाना बना रहेगा. आज नोएडा में आंशिक रूप से बादल छाए रहने के साथ बारिश या गरज के साथ छींटे या धूल भरी आंधी की संभावना है. वहीं, 31 मार्च को आमतौर पर आसमान में बादल छाए रहेंगे और एक या दो बार बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं. 1 अप्रैल को भी आमतौर पर बादल छाए रहने के साथ धूल भरी आंधी चलने एवं हल्की बारिश होने की संभावना है. गाजियाबाद में अगले 3 तीन ऐसा ही मौसम बना रहेगा.
गुरुग्राम में भी बारिश का अलर्ट
दिल्ली की सीमा से लगे गुरुग्राम के मौसम में भी नर्मी बनी हुई है. यहां आज आमतौर पर आसमान में बादल छाए रहेंगे और एक या दो बार बारिश या गरज के साथ छींटे पड़ सकते हैं. 1 अप्रैल तक यहां ऐसा ही मौसम बना रहेगा. इन दिनों अधितकम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है और न्यूनतम तापमान 15 डिग्री सेल्सियस दर्ज हो सकता है.
मार्च में क्यों हो रही बारिश?
बता दें कि कल शाम (29 मार्च) पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय की ओर बढ़ा है. प्रेरित चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र सीमा के पार पश्चिम राजस्थान की ओर बढ़ रहा है. दोनों प्रणालियां राजस्थान में मौसम की गतिविधि शुरू करने और पूर्व की ओर बढ़ने के लिए मिलकर काम करेंगी. इन प्रणालियों की धुरी के पीछे एक ऊपरी वायु द्रोणिका अनुकूल रूप से स्थित हो रही है. यह वह है, जो लंबे गरज वाले बादलों, बिजली, तेज हवाओं और ओलावृष्टि को ट्रिगर करने की संभावना है.