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LAC पर भारत सख्त, जयशंकर बोले- चीन के किसी भी प्रयास को सफल नहीं होने देंगे

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि एलएसी पर चीन की ओर से किसी भी बदलाव के एकतरफा कार्रवाई को हम सफल नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि चाहे इसके लिए कितना भी समय लगे, कितनी भी दौर की बातचीत क्यों न करनी पड़े.

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर. -फाइल फोटो भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर. -फाइल फोटो
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 19 जून 2022,
  • अपडेटेड 3:47 AM IST
  • गलवान में जो हुआ, वह ठीक नहीं था: जयशंकर
  • जयशंकर बोले- कई टकराव वाले पॉइंट को सुलझाया गया

भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि चीन की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास की अनुमति भारत नहीं देगा. उन्होंने कहा कि देश के पूर्वी हिस्से लद्दाख में भारतीय सेना ने एलएसी पर चीनी सैनिकों को मुंहतोड़ जवाब दिया था. उन्होंने कहा कि चीन ने 1993 और 1996 के समझौतों का उल्लंघन करते हुए वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बड़े पैमाने पर सैनिकों को जुटाया था और उनका प्रयास स्पष्ट रूप से एलएसी पर एकतरफा बदलाव का था. 

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विदेश मंत्री जयशंकर ने एक मीडिया हाउस की ओर से आयोजित कार्यक्रम में कहा कि भले ही हम उस समय कोरोना महामारी से जूझ रहे थे, हम वास्तव में एलएसी पर उनका मुकाबला करने में सक्षम थे, जिसके बारे में मुझे लगता है कि कभी-कभी लोगों द्वारा, विश्लेषकों द्वारा, यहां तक कि इस देश में हमारी राजनीति में भी पर्याप्त रूप से इसे मान्यता नहीं दी गई है.

गलवान में जो हुआ, वह ठीक नहीं था: जयशंकर

जयशंकर ने कहा कि सीमा के बारे में कुछ लोगों के विचार बिलकुल सामान्य होते हैं. पेट्रोलिंग पॉइंट पर आम तौर पर सैनिक नहीं होते हैं बल्कि वे सीमावर्ती इलाकों के अंदरुनी क्षेत्रों में होते हैं. उन्होंने कहा कि इसी का परिणाम था कि चीन ने अपने सैनिकों को एलएसी के नजदीक खड़ा कर दिया. जवाब में हमने भी अपने सैनिकों को वहां भेजा. उन्होंने कहा कि दो साल पहले गलवान में जो हुआ वह ठीक नहीं था. जयशंकर ने कहा कि तब से हम टकराव वाले पॉइंट पर बातचीत करते हैं और कई पॉइंट पर मामला सुलझा भी है.

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भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि कई ऐसे पॉइंट हैं जहां से चीनी सैनिक वापस चले गए हैं और हमारी सेना भी वापस आ गई है. उन्होंने कहा कि यह बिलकुल मेहनत वाला काम है, धैर्य वाला काम है. लेकिन एक बार फिर स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम चीन की ओर से एलएसी को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास की अनुमति नहीं देंगे. उन्होंने ये भी कहा कि भारत इसकी परवाह बिलकुल नहीं करता है कि इसमें कितना समय लगता है, कितनी मुश्किल बातचीत करनी पड़ती है.

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