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दिल्ली में रो-रो सेवा लॉन्च, प्रभु ने कहा रिंग रेलवे पर जल्द होगी घोषणा

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने एक अनोखी पहल की है. यह पहल है दिल्ली में वायु प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों को दिल्ली के बॉर्डर से लेकर रेलगाड़ी पर लादकर दिल्ली पार कराना.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
सिद्धार्थ तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 02 मार्च 2017,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने एक अनोखी पहल की है. यह पहल है दिल्ली में वायु प्रदूषण फैलाने वाले ट्रकों को दिल्ली के बॉर्डर से लेकर रेलगाड़ी पर लादकर दिल्ली पार कराना. रेलवे कि इस सेवा को रोल ऑन रोल ऑफ यानि रो-रो के तौर पर जाना जाता है.

यहां होगा पहला प्रयोग
एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत रेल मंत्रालय ने 2 मार्च से गुरूग्राम के हरसरु रेलवे स्टेशन से ट्रकों को रो-रो सर्विस के तहत उत्तर प्रदेश के मुरादनगर रेलवे स्टेशन पर पहुंचाने का काम शुरू कर दिया है. गौरतलब है कि कोंकण रेलवे में बहुत सफल तरीके से रो-रो सेवा पहले से ही दी जा रही है.

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प्रदूषण पर पड़ेगा असर
इस मौके पर रेलमंत्री सुरेश प्रभू ने कहा कि दिल्ली को लोगों को जिस तरह के वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ता है उस प्रदूषण का एक तिहाई हिस्सा दिल्ली से होकर आने-जाने वाले ट्रकों की वजह से होता है. लिहाजा रेलवे ने दिल्ली के बॉर्डर से ट्रकों को लादकर रेलगाड़ी के जरिए इच्छित बॉर्डर पर छोड़ने का काम शुरू कर दिया है. सुरेश प्रभू ने पत्रकारों से कहा कि रो-रो सेवा से दिल्ली के प्रदूषण पर खासा असर पड़ेगा और ट्रकों को अपने स्थान पर पहुंचने के लिए दिल्ली के बॉर्डर पर इंतजार नहीं करना पड़ेगा.

दोबारा शुरू होगी रिंग रेलवे!
रेलमंत्री ने कहा कि राजधानी दिल्ली को रो-रो सेवा देने के साथ ही अब रेलवे यहां पर मौजूद रिंग रेलवे को लेकर जल्द ही बड़ी घोषणा करने की तैयारी में है. रिंग रेलवे को सक्रिय तरीके से फिर चलाने के लिए रेलवे पर लगातार दबाव बना हुआ है. रिंग रेलवे दोबारा शुरू होने से दिल्ली वालों को खासी राहत मिल सकेगी.

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2500 से 3000 रुपये प्रति ट्रक किराया
उत्तर रेलवे के जनरल मैनेजर आर के कुलश्रेष्ठ ने रो-रो सेवा के शुरू होने के साथ ही राजधानी में वायु प्रदूषण पर असर पड़ने की उम्मीद जताई है. उऩके मुताबिक अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुरूग्राम के हरसरु रेलवे स्टेशन से ट्रकों को रो-रो सर्विस के तहत उत्तर प्रदेश के मुरादनगर रेलवे स्टेशन पर ट्रक पहुचाने का काम शुरू हुआ है. पायलट प्रोजेक्ट में मिले अनुभव के आधार पर रेलवे दिल्ली के आठ दूसरे रुटों पर रो-रो सेवा शुरू करेगी. जब ये सभी सेवाएं शुरू हो जाएगीं तो दिल्ली के बॉर्डर पर ट्रकों को अब इंतजार नहीं करना पड़ेगा. रेलवे ने अपनी इस सेवा के लिए 2500 से 3000 रुपये प्रति ट्रक का किराया तय किया है.

होंगे कई फायदे
रेलवे बोर्ड के मेंबर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद के मुताबिक 2016-2017 के रेल बजट में माल भाड़े में इजाफा करने के लिए नए तरीके डेवलप करने की बात कही गई थी. इसी के मद्देनजर दिल्ली एनसीआर की एक बड़ी समस्या को समाधान देने की कोशिश रेलवे ने की है. मोहम्मद जमशेद के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में हर दिन तकरीबन 60000 ट्रक आते-जाते हैं. इन ट्रकों में से तकरीबन 15000 ट्रक दिल्ली की सीमा में घुसकर दिल्ली को पार करते हुए दूसरे राज्यों में जाते हैं. इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि यह ट्रक दिल्ली के लिए नहीं हैं बल्कि दिल्ली के रास्ते से होते हुए यह दूसरे राज्यों को जाते हैं. दिल्ली से होकर गुजरने वाले इन ट्रकों को ग्रीन टैक्स देना पड़ता है टोल टैक्स देना पड़ता है एमसीडी का टैक्स देना पड़ता है. उसके बाद भी इन वाहनों को राजधानी से होकर गुजरने के लिए सिर्फ रात के चंद घंटे ही मिल पाते हैं. ऐसे में राजधानी दिल्ली में बॉर्डर पर रात के वक्त लंबी-लंबी ट्रकों की कतारें लगती हैं. रात के वक्त जब यह ट्रक दिल्ली से होकर गुजरते हैं तो इनसे राजधानी की हवा बहुत ज्यादा प्रदूषित होती है. राजधानी में बढ़ते हुए प्रदूषण के चलते पिछले कुछ सालों से लगातार चिंता बढ़ती जा रही है और इसका समाधान ढूंढने की तमाम नाकाम कोशिशें की जाती रही हैं.

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नहीं करना होगा घंटों इंतजार
मेंबर ट्रैफिक मोहम्मद जमशेद के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में कुल मिलाकर 127 एंट्री और एग्जिट पॉइंट हैं. लेकिन इनमें से 9 एंट्री और एग्जिट पॉइंट ऐसे हैं जिनसे होकर दिल्ली का 75 फीसदी ट्रक गुजरता है. लिहाजा रेलवे ने इन 9 एंट्री और एग्जिट पॉइंट को ध्यान में रखते हुए रो-रो सेवा के लिए अपनी योजना तैयार की है. मोहम्मद जमशेद का कहना है कि अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत ट्रकों को आर-पार ले जाने के लिए एक रूट को खोला गया है. इस पर मिलने वाले रिस्पांस के बाद बाकी 8 रूटों को भी खोल दिया जाएगा. उनके मुताबिक इससे जहां ट्रक वालों को अब घंटों इंतजार नहीं करना पड़ेगा तो वहीं दिल्ली-एनसीआर में ट्रकों का जहरीला धुआं वातावरण को जहरीला नहीं बना पाएगा. इससे दिल्ली की सड़कों पर ट्रैफिक कुछ हद तक कम हो सकेगा वहीं दूसरी तरफ रेलवे को माल भाड़े में कमाई भी हो पाएगी.

होगी पैसों की भी बचत
रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक रो-रो सेवा के लिए ट्रकों को तकरीबन तीन-साढ़े तीन हजार रूपये देने पड़ेंगे तो वहीं इससे दिल्ली से होकर गुजरने वाले ट्रक के लिए 8 से 10 घंटे की बचत हो पाएगी. इस सेवा का इस्तेमाल करने वाले ट्रकों को एनवायरनमेंट कंपनसेशन चार्ज नहीं देना पड़ेगा. एनजीटी के आदेश के बाद दिल्ली में भारी वाहनों के ऊपर एनवायरमेंट कंपनसेशन चार्ज लगाया गया था. इसी के साथ रो-रो सेवा का इस्तेमाल करने वाले ट्रकों को दिल्ली मैं घुसने पर 500 से लेकर ₹900 तक के टोल टैक्स की बचत होगी.

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