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एमसीडी चुनाव से पहले दिल्ली बीजेपी में अंदरूनी कलह की पांच बड़ी बातें

दिल्ली में जब भी कोई चुनाव करीब होता है, तो दिल्ली बीजेपी में सिर-फुटव्वल भी शुरू हो जाती है. इस बार मामला मनोज तिवारी की टीम से जुड़ा हुआ है. जब से मनोज तिवारी को दिल्ली की कमान सौंपी गई है, तब से लगातार ये बातें सामने आ रही हैं कि वह बस चेहरा भर हैं, पार्टी को दिल्ली बीजेपी से जुड़े कुछ खास नेता चला रहे हैं.

दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष मनोज तिवारी
कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 22 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 9:48 PM IST

दिल्ली में जब भी कोई चुनाव करीब होता है, तो दिल्ली बीजेपी में सिर-फुटव्वल भी शुरू हो जाती है. इस बार मामला मनोज तिवारी की टीम से जुड़ा हुआ है. जब से मनोज तिवारी को दिल्ली की कमान सौंपी गई है, तब से लगातार ये बातें सामने आ रही हैं कि वह बस चेहरा भर हैं, पार्टी को दिल्ली बीजेपी से जुड़े कुछ खास नेता चला रहे हैं. यही बात तब भी सामने आयी है, जब यूपी में चुनाव प्रचार के लिए तिवारी दिल्ली से दूर हैं और दिल्ली के नेता एमसीडी चुनाव में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू करने में लग गए. ये खबर जब यूपी में दौरा कर रहे तिवारी तक पहुंची, तो तिवारी ने न सिर्फ दिल्ली आकर नेताओं को तलब किया, बल्कि ये भी जता दिया कि अध्यक्ष की अनुमति के बिना एमसीडी चुनाव से जुड़ा कोई भी फैसला न लिया जाए.

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अब आपको बताते हैं कि आखिर बीजेपी में चल रही अंदरूनी उठापटक की आखिर वजह क्या है.

1. तिवारी की गैरमौजूदगी में प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू की प्रदेश बीजेपी दफ्तर में सक्रियता, जिसे सूत्रों के मुताबिक मनोज तिवारी ने अध्यक्ष के कामकाज में दखलांदाज़ी माना और अपनी आपत्ति जताई.
2. एमसीडी चुनाव के लिए उम्मीदवारों के आवेदन लेने के लिए कोर ग्रुप का अघोषित गठन, जिसमें मनोज तिवारी को ही नहीं रखा गया. सूत्रों के मुताबिक, तिवारी ने इस पर अपनी नाराजगी जताई और ग्रुप के गठन को लेकर प्रदेश महामंत्रियों से सफाई मांगी. इसके बाद तिवारी ने बयान जारी कर पार्टी में कोर ग्रुप के बजाए कोर कमेटी होने की बात कही.
3. प्रदेश बीजेपी में पार्टी का एक खेमा दिल्ली में दिल्ली के अध्यक्ष की गैरमौजूदगी और कार्यकर्ताओं से तिवारी के नहीं मिलने की शिकायत कर रहा है. तिवारी अक्सर दिल्ली से बाहर रहते हैं. प्रदेश कार्यालय में ज्यादा वक्त नहीं देते, इससे आम कार्यकर्ता अध्यक्ष से मुलाकात नहीं कर पाते.
4. मनोज तिवारी न तो संगठन से जुड़े कार्यकर्ताओं को पहचानते हैं और न ही पार्टी के संगठन का उन्हें कोई अनुभव है. पार्टी के कुछ नेता इसी का फायदा उठाकर उन पर दबाव बनाने की कोशिश में हैं. इस वजह से पार्टी के अलग-अलग गुट बन गए हैं. सूत्रों के मुताबिक, प्रदेश की टीम को भी कमजो़र रखा गया है.
5. प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी है, लेकिन उनकी टीम पर छाप दिल्ली से जुड़े दो नेताओं की दिखी. बताया तो ये भी जाता है कि तिवारी की टीम में उनकी ही सहमति नहीं ली गई.

हालांकि दिल्ली बीजेपी के महामंत्री रवींद्र गुप्ता के मुताबिक, दिल्ली बीजेपी में कोई कलह नहीं है और न ही मनोज तिवारी के निर्देशों के बिना कोई कमेटी बनाई गई. दिल्ली में एमसीडी चुनाव को लेकर खुद मनोज तिवारी नज़र बनाए हुए हैं और उनकी अगुआई में ही चुनाव की तैयारी है.

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