
केरल के मछुआरों की इटली के मरीन द्वारा हत्या के मामले में अब मुआवजे की रकम पर सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को फैसला सुनाएगा. मामले की सुनवाई के दौरान शुक्रवार को केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि इटली सरकार द्वारा मुआवजे के तौर पर मुहैया कराया गया 10 करोड़ रुपया सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री में जमा कराया गया.
एसजी तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि 10 करोड़ रुपए मुआवजा इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल द्वारा तय किया था. केंद्र सरकार ने केरल सरकार की सहमति के साथ इसे स्वीकार किया था. यह रकम रजिस्ट्री में जमा करा दी गई है. केन्द्र सरकार ने कहा कि इटालियन मरीन के खिलाफ भारत में अब सभी अभियोग और मामलों को बंद कर दिया जाना चाहिए.
जस्टिस इंदिरा बनर्जी ने पूछा कि यह मुआवजा मछुवारों को कैसे दिया जाएगा? SG ने मुआवजे के बंटवारे के बारे में बताया कि 4-4 करोड़ रुपए इटली के मरीन अधिकारियों के हमले में मारे गए मछुवारों को दिए जाएंगे और दो करोड़ रुपए जहाज मालिक को बतौर मुआवजा अदा किए जाएंगे. SG ने आगे बताया कि ऐसे मामलों में पहले पैसा बैंक में जमा कराया जाता है. इसके बाद वह पीड़ित परिजनों के द्वारा बैंक से निकाला जाता है.
इटालियन मरीन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश सुरक्षित करते हुए कहा कि मंगलवार को इस मामले पर आदेश जारी किया जाएगा. वहीं जस्टिस शाह ने कहा कि पीड़ित के परिवार के हितों की रक्षा के लिए मुआवजे का पैसा हाई कोर्ट में जमा किया जाए. यह हाई कोर्ट तय कर सकता है कि पीड़ितों के परिवारों को पैसा किस तरह से दिया जाएगा.
बता दें कि साल 2012 में इटली के दो नौसैनिकों ने भारत की समुद्री सीमा में केरल के दो मछुआरों पर फायरिंग की थी. इस फायरिंग में दोनों ही मुछआरों की मौत हो गई थी. तब से अबतक इटली नौसैनिकों के खिलाफ ट्रायल, मुआवजे का मसला चल रहा था. हालांकि, पिछली सुनवाई के दौरान इटली ने दोनों नौसैनिकों पर केस चलाने का भरोसा दिया था. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने परिवार का पक्ष जाने बिना, मुआवजा मिले बिना यहां मामले को बंद करने से मना कर दिया था.