
दिल्ली के ITO चौराहे पर बनाए गए स्काई वॉक ब्रिज के उद्घाटन में केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार को आमंत्रित नहीं किया है. यह दावा दिल्ली सरकार में PWD मंत्री सत्येंद्र जैन ने किया है. जैन के मुताबिक स्काई वॉक ब्रिज का डिजाइन बनाने से लेकर ITO पर इसका निर्माण करने तक का पूरा काम दिल्ली सरकार ने किया है.
PWD मंत्री सत्येंद्र जैन ने 'आजतक' से खास बातचीत के दौरान बताया कि स्काई वॉक का डिजाइन और निर्माण दिल्ली सरकार ने किया है. जैन ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि 'दिल्ली सरकार के और भी कई प्रॉजेक्ट हैं, केंद्र चाहे तो उनका भी उद्घाटन कर ले.'
स्काई वॉक का निर्माण करने में 6 महीने से कम वक़्त लगा
जैन ने आगे कहा, ''केंद्र का काम है उद्घाटन करना और हमारा लक्ष्य है काम करना. PWD ने डिजाइन बनाया, PWD ने निर्माण किया. इस प्रोजेक्ट की तैयारी 2 साल से चल रही थी, पहले इसके डिजाइन के लिए प्रतियोगिता हुई, फिर बढ़िया डिजाइन मिलने के बाद PWD को स्काई वॉक का निर्माण करने में 6 महीने से कम वक़्त लगा."
सत्येंद्र जैन से जब स्काई वॉक पर केंद्र और दिल्ली सरकार की बजट पर हिस्सेदारी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि स्काई वॉक प्रोजेक्ट में 20% खर्चा दिल्ली सरकार ने किया है और 80% केंद्र सरकार ने. जैन ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार 15 अक्टूबर को स्काई वॉक का उद्घाटन कर रही है लेकिन मंत्री होने के नाते अब तक कोई आधिकारिक आमंत्रण नहीं मिला है.
2013-14 में पीडब्ल्यूडी ने प्रपोजल बनाया
बता दें कि दिल्ली सरकार ने स्काई वॉक से जुड़ी कई जानकारियों भी अपने आधिकारिक बयान के जरिये दी हैं. आम आदमी पार्टी सरकार के मुताबिक 2006-07 में कॉमनवेल्थ गेम्स की तैयारियों के मद्देनजर आईटीओ पर फ्लाइओवर के साथ फुट ओवरब्रिज (एफओबी) बनाने का प्लान तैयार किया गया था.
मगर, दिल्ली अर्बन आर्ट कमिशन (डीयूएसी) ने इसके डिजाइन को खारिज कर दिया. इसके बाद 2013-14 में पीडब्ल्यूडी ने नए सिरे से प्रपोजल बनाया और आईटीओ पर केवल एफओबी बनाने की जरूरत बताई गई. बाद में यूनीक डिजाइन के साथ स्काईवॉक का प्लान तैयार किया गया.
स्काई वॉक के लिए डिजाइन कॉम्पिटिशन रखा गया और 17 एंट्री को शॉर्टलिस्ट किया गया. बेस्ट डिजाइन के लिए 2.5 लाख रुपये का कैश अवॉर्ड भी दिया गया. अगस्त 2016 में पीडब्ल्यूडी डिपार्टमेंट ने डीयूएसी के सामने डिजाइन पेश किया और इसे मंजूरी मिल गई. समझौते के मुताबिक, 54 करोड़ रुपये के इस प्रोजेक्ट में दिल्ली सरकार ने 12 करोड़ रुपये भी जारी किए.