
दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती के दिन हुई हिंसा को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था. दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि हिंसा से दो दिन पहले ही वाट्सएप पर भड़काऊ भाषण वायरल किया गया था.
दिल्ली पुलिस ने रोहिणी कोर्ट में 37 आरोपियों के खिलाफ 2063 पेज की चार्जशीट फाइल की है. इसमें दिल्ली क्राइम ब्रांच ने बताया कि हिंसा भड़काने के लिए वाट्सएप का इस्तेमाल किया गया था. हनुमान जयंती से दो दिन पहले ही भड़काऊ भाषण भेजे गए थे, जिसके बाद शोभायात्रा के दौरान पथराव हुआ था.
वाट्सएप पर जो वीडियो वायरल किया गया था, उसमें कहा गया था, "जो कौम जुल्म के खिलाफ आवाज नहीं उठाती, वो कौम सिर्फ लाशें उठाती है. मुसलमानों की आयात है, कॉल का मतलब समझना जरूरी है." ये भड़काऊ भाषण सबसे पहले मुख्य आरोपियों में से एक तबरेज अंसारी को भेजा गया था, उसके बाद तबरेज ने यात्रा से दो दिन पहले इस वीडियो को वायरल कर दिया. दिल्ली पुलिस ने मोहम्मद अंसार, तबरेज अंसारी, सलीम चिकना, शेख इशर्फिल को मुख्य आरोपी बनाया है.
वाट्सएप ग्रुपों की जांच कर रही पुलिस
आरोपियों के बयानों से दिल्ली पुलिस ने इस बात की पुष्टि की है कि इन वाट्सएप चैट की सामग्री का इस्तेमाल दंगाइयों को हनुमान जयंती यात्रा के दौरान हिंसा भड़काने के लिए किया गया था. दिल्ली पुलिस फिलहाल इन व्हाट्सएप ग्रुप और इनके संचालकों के पीछे सांठगांठ की जांच कर रही है. उसी को लेकर पूरक चार्जशीट दाखिल की जाएगी.
CAA-NRC से जुड़ी है जहांगीरपुरी हिंसा
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में जहांगीरपुरी हिंसा को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और एनआरसी के विरोध में हुए शाहीन बाग आंदोलन से जोड़ दिया है. दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा है कि ये घटना शाहीन बाग आंदोलन और उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुए दंगों के क्रम में ही हुई. देश के अलग-अलग इलाकों में 10 अप्रैल 2020 को रामनवमी के दिन हुई हिंसक घटनाओं के बाद इस तरह की घटनाएं और बढ़ गई थीं.
8 आरोपी अभी भी फरार
चार्जशीट में बताया गया है कि इस मामले को 18 अप्रैल को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर किया गया था. इसमें यह भी बताया गया है कि अबतक 8 आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है. आरोपियों के पास से 9 फायर आर्म्स, 5 कारतूस, 9 तलवारों समेत कई हथियार बरामद किए गए हैं. इन 37 में से 20 आरोपियों की पहचान सीसीटीवी, वायरल वीडियो समेत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके हुई है. इन आरोपियों के कुल 21 मोबाइल फोन को जब्त किया गया है. इन आरोपियों के खिलाफ 132 गवाह हैं, जिनमें से 85 पुलिसकर्मी और 47 पब्लिक पर्सन हैं. आरोपियों को पकड़ने के लिए कुल 13 टीमों का तैनात किया गया था.
जहांगीरपुरी हिंसा का पूरा मामला
दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हनुमान जयंती के मौके पर कुछ लोग शोभायात्रा निकाल रहे थे. इस दौरान कुछ लोगों ने शोभायात्रा पर पथराव किया था. पथराव की घटना के बाद जहांगीरपुरी में हिंसा भड़की थी, इस घटना में 8 पुलिसकर्मी समेत 9 लोगों की घायल हुए थे. पुलिस ने बताया था कि जहांगीरपुरी में जो जुलूस निकला था, उसकी अनुमति प्रशासन से नहीं ली गई थी.