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नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया के छात्रों का प्रदर्शन, निकाला कैंडल मार्च

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया के छात्रों ने बुधवार को कैंडल लाइट मार्च निकाला. यह मार्च जामिया से शुरू होकर शाहीन बाग पर खत्म हुआ. इससे पहले जामिया के छात्रों ने बुधवार दोपहर क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की.

छात्रों ने निकाला कैंडल मार्च छात्रों ने निकाला कैंडल मार्च
तनुश्री पांडे
  • नई दिल्ली,
  • 02 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 12:13 AM IST

  • जामिया के छात्रों का प्रदर्शन जारी
  • बुधवार को निकाला कैंडल मार्च

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ जामिया के छात्रों ने बुधवार को कैंडल लाइट मार्च निकाला. यह मार्च जामिया से शुरू होकर शाहीन बाग पर खत्म हुआ. इससे पहले जामिया के छात्रों ने बुधवार दोपहर क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की. छात्रों ने सरकार के समक्ष नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने सहित सात मांगें रखी हैं.

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विश्वविद्यालय परिसर के बाहर विरोध-प्रदर्शन स्थल पर मौजूद छात्र-छात्राओं के मुताबिक, वे सत्याग्रही क्रमिक भूख हड़ताल कर रहे हैं. जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों के विरोध प्रदर्शन का बुधवार 20वां दिन था.

जामिया विश्वविद्यालय छात्र आंदोलन समिति से जुड़े आफताब के मुताबिक, छात्र अब लगातार क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठेंगे और यह भूख हड़ताल मांगें पूरी होने तक चलती रहेगी. जामिया छात्रों की सबसे पहली और बड़ी मांग सीएए, एनआरसी और एनपीआर को वापस लेने की है.

भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की अन्य मांगों में देश भर में विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई मौतों की निष्पक्ष जांच कराने, पुलिस हिरासत में लिए गए प्रदर्शनकारियों (जो हिंसा में शामिल नहीं थे) को रिहा करने, शांतिपूर्वक प्रदर्शनों में शामिल रहे लोगों के खिलाफ हुई एफआईआर वापस लेने, हिंसा के शिकार प्रदर्शनकारियों को मुआवजा देने, इंटरनेट सेवाएं सुचारु करने जैसी मांगें शामिल हैं.

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इस बीच बुधवार को बिहार के पूर्व सांसद पप्पू यादव भी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जामिया पहुंचे. उन्होंने कहा कि वह नववर्ष की शुभकामनाएं नहीं देंगे, क्योंकि यह अंग्रेजी नववर्ष अंग्रेजों का प्रतीक है.

उन्होंने विरोध-प्रदर्शन स्थल पर मौजूद महिलाओं और जामिया की लड़कियों को संबोधित करते हुए कहा, "इस आंदोलन में महिलाओं की भूमिका को देखते हुए यह आवश्यकता महसूस होती है कि देश को बेटियों के हाथों में सौंप देना चाहिए. देश की संस्कृति, संविधान, पहचान की रक्षा का दायित्व महिलाएं सफल रूप से उठाएंगी."

इससे पहले मंगलवार देर शाम पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव भी जामिया छात्रों का समर्थन करने जामिया विश्वविद्यालय पहुंचे थे.

नए साल पर राष्ट्रगान गाया

नए साल की पूर्व संध्या पर जामिया मिलिया इस्लामिया में अलग ही तरह का जश्न देखने को मिला. जहां छात्रों ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे अन्य स्थानीय लोगों के साथ दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में राष्ट्रगान गाकर नए साल का स्वागत किया.

इंटरनेट पर वायरल एक वीडियो में छात्रों को स्थानीय लोगों के साथ सीएए और एनआरसी से 'आजादी' की मांग करते हुए देखा जा सकता है, वहीं वहां कई लोग राष्ट्र ध्वज फहराते और सीएए के खिलाफ नारों वाली तख्तियां लिए हुए हैं.

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रात में 12 बजते ही प्रदर्शनकारियों की भीड़ ने राष्ट्रगान गाया और उसके बाद इंकलाब जिंदाबाद के नारे लगाए. हालांकि कुछ वीडियोज और तस्वीरों में कुछ लोगों को साथी प्रदर्शनकारियों को बिरयानी बांटते हुए भी देखा जा सकता है.

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