
जनता दल (यूनाइटेड) के शरद यादव गुट द्वारा हाल ही में नियुक्त किए गए अध्यक्ष के. राजशेखरन ने तीर के चिह्न पर उनके दावे को खारिज करने वाले निर्वाचन आयोग के आदेश को दिल्ली हाई कोर्ट मे चुनौती दी है. उन्होंने इसे लेकर एक याचिका दायर की है. हाइकोर्ट में बुधवार को इस मामले की सुनवाई टाल दी गई क्योंकि सुनवाई के दौरान राजशेखरन का पक्ष रखने के लिए उनके वकील कोर्ट मे मौजूद नहीं थे. दिल्ली हाइकोर्ट में बृहस्पतिवार 7 दिसंबर को अगली सुनवाई होगी.
जद(यू) नेता ने हाइकोर्ट मे निर्वाचन आयोग के 25 नवंबर को दिए गए आदेश को चुनौती दी है. चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का गुट असली जदयू है और इसीलिए नितीश कुमार को तीर का चिह्न आवंटित किया जा रहा है. नीतीश के इसी साल जुलाई में भाजपा से हाथ मिलाने के बाद शरद यादव नीतीश कुमार से अलग हो गए थे.
इसके बाद से ही दोनों के बीच पार्टी पर अपने अधिकार को लेकर लड़ाई चल रही है. शरद यादव गुट इससे पहले निर्वाचन आयोग के 17 नवंबर के आदेश के खिलाफ हाइकोर्ट पहुंचा था. जिसमें आयोग ने नितीश कुमार के गुट वाली जद(यू) के पक्ष में फैसला दिया था लेकिन उसने इस फैसले को देने के कारण नहीं बताए थे. राजशेखरन ने अपनी याचिका में हाईकोर्ट से चुनाव आयेाग के 25 नवंबर के फैसले को तुरंत रद्द करने की मांग की है.
इससे पहले की याचिका दिल्ली हाइकोर्ट मे गुजरात विधायक छोटू भाई वसावा की तरफ से दायर की गई थी, जोकि उस समय यादव गुट के कार्यकारी अध्यक्ष थे. नितीश कुमार गुट ने कोर्ट को बताया कि उनकी पार्टी के सभी सदस्यों ने पहले ही तीर चिह्न के साथ आवेदन किया है, जिसे चुनाव आयोग ने अनुमति दी है. जबकि यादव गुट ने दावा किया नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ गठबंधन तोड़कर पार्टी के संसदीय समिति के फैसले का सीधा उल्लंघन किया है.