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जेएनयू से मिली सजा के खिलाफ भूख हड़ताल पर बैठे कन्हैया, उमर और अनिर्बान

कन्हैया कुमार ने उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और यूनिवर्स‍िटी के अन्य छात्रों के साथ यह हड़ताल शुरू की है. उन्होंने कथि‍त देशविरोधी नारेबाजी मामले की जांच करने वाली उच्च स्तरीय जांच समिति के निष्कर्षों और सिफारिशों को भी खारिज कर दिया है.

जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 28 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 1:06 PM IST

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की दंडात्मक कार्रवाई को निष्प्रभावी करने की मांग करते हुए छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य छात्रों ने बुधवार रात से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू कर दी. नौ फरवरी की विवादास्पद घटना को लेकर जेएनयू ने कुछ छात्रों पर दंडात्मक कार्रवाई की गई है.

कन्हैया कुमार ने उमर खालिद, अनिर्बान भट्टाचार्य और यूनिवर्स‍िटी के अन्य छात्रों के साथ यह हड़ताल शुरू की है. उन्होंने कथि‍त देशविरोधी नारेबाजी मामले की जांच करने वाली उच्च स्तरीय जांच समिति के निष्कर्षों और सिफारिशों को भी खारिज कर दिया है.

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जमानत पर बाहर हैं सभी आरोपी
बता दें कि कन्हैया, उमर और अनिर्बान भट्टाचार्य को फरवरी में संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में कैंपस में कार्यक्रम आयोजित करने पर देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इस कार्यक्रम में कथित तौर पर राष्ट्र विरोधी नारे लगे थे. सभी आरोपी अभी जमानत पर बाहर हैं.

क‍मेटी ने 21 छात्रों को पाया दोषी
जेएनयू की जांच कमेटी ने मामले में 21 छात्रों को दोषी पाया. सभी ने प्रॉक्टर को लिखित में अपना जबाव दिया था. अपनी रिपोर्ट में प्रॉक्टर ने वाइस चांसलर को लिखा था कि तीन छात्रों को निकाल दिया जाना चाहिए, जबकि बाकी के छात्रों से फाइन लिया जाए. इस मामले पर आखिरी फैसला वीसी को करना था.

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