
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में मंगलवार शाम को संसद हमले में शामिल आतंकी अफजल गुरु और जम्मू एंड कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक मकबूल भट की याद में सांस्कृतिक संध्या के आयोजन को लेकर जमकर हंगामा हुआ.
दरअसल डेमोक्रैटिक स्टूडेंट यूनियन से ताल्लुक रखने वाले 10 छात्रों ने अफजल गुरु की बरसी पर एक कार्यक्रम आयोजित किया था. जिसके अंत में एबीवीपी ने विरोध जताते हुए हंगामा किया और बात मारपीट तक जा पहंची. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस को बुलाया.
फांसी के विरोध में नहीं न्यायिक ढांचे पर था कार्यक्रम
हालांकि साबरमती लॉन में आयोजित इस कार्यक्रम को पहले प्रशासन ने मंजूरी दे दी थी, लेकिन एबीवीपी के विरोध के चलते इस मंजूरी को रद्द कर दिया गया. आयोजकों का कहना है कि ये किसी भी तरह से उचित नहीं है कि प्रशासन किसी एक संगठन के दबाव में काम करे. इस संबंध में जब आयोजकों से पूछा गया तो उनका कहना था कि वह कार्यक्रम अफजल गुरु के पक्ष में बिल्कुल भी नहीं था. इसका उद्देश्य यह बताना था कि हमारा न्यायिक ढांचा कैसे काम करता है. उन्होंने बताया कि कार्यक्रम का नाम था 'द कंट्री विदाउट ए पोस्ट ऑफिस'. उन्होंने कहा कि जब अफजल को फांसी दी जा चुकी थी तो उसके कई दिन बाद इसकी सूचना से संबंधित पत्र उसके परिवार को मिला.
कार्यक्रम से जुड़े लोगों की जांच की मांग
जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव व एबीवीपी से जुड़े सौरभ शर्मा ने कहा कि कैंपस में संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की बरसी मनाना उनकी समझ से परे है. यही कारण है कि उन्होंने आयोजन का विरोध किया. सौरभ ने कहा कि प्रशासन के इनकार के बावजूद ये आयोजन किया गया तो हम लोगों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया. एबीवीपी के सदस्यों की मांग है कि एक आतंकी को शहीद बताने वाले विद्यार्थियों और उनको सहयोग कर रहे कैंपस के अन्य शिक्षकों की जांच होनी चाहिए. साथ ही केंद्रीय गृहमंत्रालय से भी इस आयोजन से जुड़े और इसमें शामिल लोगों की भूमिका की भी जांच कराई जाने की मांग करेंगे.