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दंड पर HC की सशर्त रोक के बाद JNU में छात्रसंघ की भूख हड़ताल खत्म

दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार, अर्निबान, उमर खालिद और कैंपस के दूसरे सभी स्टूडेंट्स के निलंबन और जुर्माने पर सशर्त रोक लाग दी. लेकिन शर्त यह है कि भविष्य में कैंपस में आप कभी कोई हड़ताल या धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे.

जेएनयू प्रशासन के जुर्माने और दंड के खि‍लाफ हड़ताल पर थे छात्र जेएनयू प्रशासन के जुर्माने और दंड के खि‍लाफ हड़ताल पर थे छात्र
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 13 मई 2016,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट की ओर से जेएनयू प्रशासन के दंड पर सशर्त रोक के बाद जेएनयूएसयू ने भूख हड़ताल खत्म कर दी है. छात्र संघ ने शुक्रवार शाम को 16 दिन लंबी हड़ताल खत्म करने को लेकर घोषणा की. इसके साथ ही हड़ताल पर बैठे दो छात्रों चिंटू और अनंत को उमर खालिद के अभि‍भावकों ने जूस पिलाया.

गौरतलब है कि दिल्ली हाई कोर्ट ने जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार , अर्निबान, उमर खालिद और कैंपस के दूसरे सभी स्टूडेंट्स के निलंबन और जुर्माने पर सशर्त रोक लाग दी. कोर्ट ने अपने फैसले में शुक्रवार को कहा कि आपको मिले दंड पर रोक लगाई जा रही है, लेकिन शर्त यह है कि भविष्य में कैंपस में आप कभी कोई हड़ताल या धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे. कोर्ट ने यह भी कहा कि हड़ताल खत्म होने की बात मामले में सुनवाई होगी.

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'कुलपति करेंगे शि‍कायतों का निपटारा'
कोर्ट ने कहा, 'अगर आप हड़ताल खत्म कर रहे हैं और आगे भी कोई धरना नहीं देंगे तो कोर्ट यूनिवर्सिटी के उस आदेश पर तब तक रोक लगा रही है, जब तक कि कुलपति छात्रों की अपील का निपटारा नहीं कर लेते. जो भी शिकायत होगी, छात्रों की अपील होगी, कुलपति उसका निपटारा करेंगे. अगर अपील के बाद हुए निर्णय से छात्र खुश नहीं होते हैं तो दो हफ्ते में दोबारा कोर्ट आ सकते हैं.'

बता दें कि जेएनयू कैंपस में नौ फरवरी को हुए विवादास्पद कार्यक्रम के मामले में यूनिवर्सिटी की तरफ से दोषी छात्रों को दंड सुनाया गया, जिसके खिलाफ छात्रों ने भूख हड़ताल की. हालांकि भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों में से अधि‍कतर ने स्वास्थ्य कारणों से अनशन खत्म कर दी. 9 फरवरी के कार्यक्रम में कथित रूप से भारत विरोधी नारेबाजी की गई थी.

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'कोर्ट का आदर करें'
दूसरी ओर, हाई कोर्ट शुक्रवार को शर्तों के साथ सभी छात्रों और वकीलों से यह भी कहा कि आपको कोर्ट से राहत की उम्मीद तभी करनी चाहिए, जब आप कोर्ट का आदर करें और न्यायपालिका में विश्वास रखें.

इससे पहले कन्हैया ने रखी थी शर्त
कन्हैया कुमार के वकीलों ने हाई कोर्ट से सुनवाई के दौरान कहा कि वो छात्रों के साथ स्ट्राइक खत्म करने को तैयार हैं, बशर्ते जेएनयू इस बात का आस्वाशन दे कि छात्रों के खिलाफ कोई कारवाई नहीं की जाएगी.

कैंपस में देश विरोधी कार्यक्रम को लेकर जेएनयू प्रशासन ने कन्हैया कुमार पर 10 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है, जिसके खि‍लाफ वो कोर्ट पहुंचे. उमर खालिद और अर्निबान भी 3 दिन पहले हाई कोर्ट मे याचिका लगाई थी. इसमें उन्होंने यूनिवर्सिटी से हुए निष्काषन को रद्द करने की मांग की थी. कोर्ट ने इस मामले मे दोनों को कोई राहत तो नहीं दी, लेकिन उमर के जुर्माने पर फिलहाल रोक लगा दी थी.

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