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FB पर कन्हैया-उमर को गोलियों से भूनने की धमकी, छात्रसंघ ने मांगी सुरक्षा

जेएनयू छात्रसंघ ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन को चिट्ठी लिखकर अमित जानी के खिलाफ पुलिस में शि‍कायत करने और कैंपस की सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है.

उमर खालिद (बाएं) और कन्हैया कुमार उमर खालिद (बाएं) और कन्हैया कुमार
स्‍वपनल सोनल/रोशनी ठोकने
  • नई दिल्ली,
  • 02 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 10:01 AM IST

जेएनयू विवाद के बाद छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार और कथि‍त देश विरोधी नारेबाजी के आरोपी उमर खालिद को एक के बाद एक कई धमकियां मिल रही हैं. हाल ही यूपी नवनिर्माण सेना के अमित जानी ने कन्हैया और उमर को कैंपस में घुसकर गोलियों से भून देने की धमकी दी है, जिसके बाद उमर ने पुलिस को चिट्ठी लिखकर अपने लिए सुरक्षा की मांग की है.

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जेएनयू छात्रसंघ ने भी विश्वविद्यालय प्रशासन को चिट्ठी लिखकर अमित जानी के खिलाफ पुलिस में शि‍कायत करने और कैंपस की सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है. बता दें कि देशद्रोह में आरोपी कन्हैया कुमार और उमर खालिद जमानत पर रि‍हा चल रहे हैं. जबकि मेरठ में रहने वाले यूपी नवनिर्मान सेना के नेता अमित जानी ने कन्हैया और उमर को 31 मार्च के बाद दिल्ली नहीं छोड़ने पर कैंपस में घुसकर जान से मारने की धमकी दी है.

फेसबुक पोस्ट के जरिए दी धमकी
जानी ने इस बाबत अपने लंबे फेसबुक पोस्ट 'मेरा वादा, मतलब पत्थर की लकीर!' में लिखा है, 'जिनकी राष्ट्रभक्ति सिर्फ व्हाट्सअप या फेसबुक तक ही सिमित है, जो मैगी खाते हुए, पूल में या बार में बियर के साथ देश की चिंता या राष्ट्रभक्ति का दम भरते है, उनके लिए ‪#‎अमित_जानी‬ को क्रिटिसाइज करना बहुत आसान है! ‪#‎कन्हैया‬ का क्या हुआ? गोली मारने वाले थे? जैसे वाहियात सवाल लिखने वाले अनपढ़ और जाहिल लोग ये भी याद रखे कि मैंने खुद ही उसको 31 मार्च तक का अल्टीमेटम दिया है! 31 मार्च के बाद जैसे ही एक एक दिन आगे बढ़े आप मुझसे सवाल करना? हफ्ता 10 दिन बीत जाए तो मुझे झूठा, लफ्फाज, हवाबाज और जो मन आए कहना. गाली भी दोगे तो भी मैं सहन करूंगा! लेकिन आज कुंठित होकर, बकवास करने की क्या जरूरत है? मेरा वादा मतलब पत्थर की लकीर! जो कह दिया सो कह दिया! 31 मार्च बीत जाने दो, JNU परिसर गोलियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठेगा!'

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उमर को नहीं मिली है सुरक्षा
जाहिर तौर पर अमित जानी ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है वो वाकई डराने वाले हैं. हालांकि, कन्हैया कुमार पर पटियाला कोर्ट परिसर में हुए हमले के मद्देनजर उन्हें पुलिस सुरक्षा दी गई है, उमर खालिद को किसी भी तरह का प्रोटेक्शन नहीं मिला था. छात्रसंघ की उपाध्यक्ष शहला रशिद कहती हैं, 'जिस तरह का पोस्ट है वो वाकई डराने वाला है. अमित जानी का प्रीवियस रिकॉर्ड देखते हुए हमने वीसी को चिट्ठी लिखी है.'

दूसरी ओर, जेएनयूएसयू के मुताबिक अगर एडमिनिस्ट्रेशन इस मामले में कोई पुलिस शि‍कायत नहीं करता है तो फिर छात्रसंघ ही अमित जानी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएगा.

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