
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष ने कश्मीर को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने बुधवार को जामिया के आंदोलन में पहुंचकर कहा कि कश्मीर को अलग करते हुए हम आंदोलन नहीं जीत सकते. आइशी घोष ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ जो लड़ाई चल रही है उसमें हम कश्मीर को पीछे नहीं छोड़ सकते. कश्मीर से ही संविधान में छेड़छाड़ शुरू हुई है.
आइशी घोष ने ये बातें कश्मीर के संदर्भ में कही हैं. उनका इशारा जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 हटाने की ओर था. कश्मीर के लिए बने इस अनुच्छेद के तहत जम्मू और कश्मीर को विशेष दर्जा का लाभ मिलता था, जिसे केंद्र ने 5 अगस्त 2019 को समाप्त कर दिया. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू और कश्मीर के पूर्ण राज्य के दर्जे को भी खत्म कर दिया था और जम्मू कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया था. केंद्र ने जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर विभाजित भी कर दिया है.
केंद्र सरकार ने इस फैसले से पहले कश्मीर की सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी थी, साथ ही घाटी में कुछ पाबंदियां भी लगाई थीं. जम्मू और कश्मीर में इंटरनेट, मोबाइल फोन, लैंडलाइन सेवाओं पर पाबंदी लगाई गई थी जिसके बाद अब हालात सामान्य होने की वजह से इन सेवाओं को बहाल किया जा रहा है.
जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष 5 जनवरी को कैंपस में नकाबपोशों के हमले के बाद से ही चर्चा में हैं. इस दिन कैंपस में नकाबपोश छात्र घुस आए थे और छात्रों को निशाना बनाया था. इसमें आइशी घोष भी घायल हो गई थीं.
कोमल शर्मा पहुंची महिला आयोग
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने बुधवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पांच जनवरी को हुई हिंसा में 'नकाबपोश महिला' के रूप में पहचानी गई अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की कार्यकर्ता और दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) के दौलतराम कॉलेज की छात्रा कोमल शर्मा की शिकायत दर्ज कर ली है.
एनसीडब्ल्यू के अनुसार, कोमल ने आरोप लगाया है कि एक राष्ट्रीय न्यूज चैनल ने अपने स्टिंग ऑपरेशन में उन्हें गलत तरीके से फंसाया है. एनसीडब्ल्यू ने यह भी कहा कि शर्मा की शिकायत के अनुसार, जेएनयू हिंसा के हमलावरों के तौर पर उनकी पहचानकर और उनका नाम खोलकर उनका अपमान किया है. उन्होंने एनसीडब्ल्यू को बताया है कि पूरे मामले में उन्हें गलत तरीके से घसीटा गया और उस चैनल ने इस कथित मामले में उनकी पुष्टि या स्पष्टीकरण लेने के लिए उनसे कभी संपर्क नहीं किया. कोमल ने एनसीडब्ल्यू से मामले की जांच का आग्रह किया है.
जेएनयू हिंसा में 9 आरोपियों को नोटिस
पुलिस ने अबतक नौ आरोपियों को नोटिस भेजकर उन्हें जेएनयू हिंसा मामले की जांच में शामिल होने के लिए कहा है। नौ संदिग्धों में से सात संदिग्ध वाम संगठनों से हैं. सात में से तीन आरोपी- जेएनयूएसयू अध्यक्ष आइशी घोष, भास्कर विजय और पंकज सोमवार को जांच में शामिल हुए. पुलिस ने कहा कि एबीवीपी के अन्य कथित सदस्य अक्षत अवस्थी और रोहित शाह ने जांच में शामिल होने से इंकार कर दिया है. इन दोनों के चेहरों का एक टीवी चैनल के स्टिंग में खुलासा हुआ था. पुलिस ने उम्मीद जताई कि दोनों भी मंगलवार को जांच में शामिल हो जाएंगे. पुलिस ने हिंसा में शामिल 37 और लोगों को भी नोटिस भेजने का निर्णय लिया है। हिंसा में 20 लोग घायल हो गए थे.
(IANS इनपुट के साथ)