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जेएनयू में राष्ट्रविरोधी गतिविधियों के आरोप में जेल में बंद छात्रों को रिहा करने और छात्रों पर लगे प्रतिबंध को हटाने की मांग करते हुए वामपंथी छात्र संगठन मंडी हाउस से संसद भवन तक मार्च कर रहे हैं. छात्रों की ओर से निकाले जा रहे इस मार्च को जेएनयू शिक्षक संघ (JNUTA) का भी साथ मिल गया है.
जेएनयू छात्रसंघ की उपाध्यक्ष शेहला राशिद ने मार्च के लिए जमा हुए लोगों से कहा कि उनकी कई मांगे हैं, जिसमें छात्रों पर लगे राष्ट्रद्रोह के आरोप और कैंपस में उनके पढ़ने पर लगे प्रतिबंध को हटाना भी शामिल है. उन्होंने कहा, 'यह मार्च पूरी तरह से शांतिपूर्ण होगा. हम कोई बेरीकेड नहीं तोड़ेंगे. जहां पुलिस रोकेगी वहीं रुक जाएंगे.'
'जेएनयू की एकता दिखानी है'
शेहला राशिद ने कहा कि कन्हैया के मामले में कोर्ट के फैसले का सम्मान करना है और किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने कहा, 'दूसरी राजनीतिक पार्टियों के गुंडों से सावधान रहें. वे हमारे विरोध-प्रदर्शन को भड़काने और इसकी दिशा मोड़ने की कोशिश करेंगे. बिना किसी उपद्रव के जेएनयू की एकता को दिखाना है.'