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कपिल मिश्रा ने कुमार विश्वास को लिखा ओपन लेटर

कपिल मिश्रा ने लिखा, 'सवाल शुरू हुआ था केजरीवाल की भ्रष्टाचार पर चुप्पी से और खत्म होता है आपके राजस्थान के प्रभारी बन जाने पर.'

कपिल मिश्रा कपिल मिश्रा
पंकज जैन
  • नई दिल्ली ,
  • 24 जून 2017,
  • अपडेटेड 1:44 PM IST

दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा ने आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास को खुला खत लिखा है. इस पत्र में कपिल मिश्रा ने कुमार विश्वास की चुप्पी पर सवाल उठाए हैं. साथ ही यह भी कहा कि दिल्ली की जनता को न्याय दिलाए बिना कुमार विश्वास को राजस्थान नहीं जाने देंगे. पढ़िए कपिल मिश्रा का खुला खत...

आदरणीय कुमार भाई
सादर प्रणाम

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आपको ये बातें पत्र के माध्यम से लिख रहा हूँ और सार्वजनिक भी करूँगा इसके लिए क्षमा प्रार्थी हूँ. आम आदमी पार्टी में भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई में इन बातों पर सार्वजनिक तौर पर चर्चा आवश्यक हैं. यही धर्म है.

सबसे पहले एक दिल की बात कहना चाहता हूँ, जिस प्रकार से अरविंद केजरीवाल के साथ रहने वाले, 24 घंटे CM हाउस में रहने वाले कुछ दरबारियों और विदूषकों के द्वारा ट्विटर पर, सड़क पर और मीडिया में, बार बार आपको अपमानित किया जा रहा है वो पीड़ादायक है, माफ करने योग्य नहीं है और उसका प्रति उत्तर किसी भी स्वाभिमानी व्यक्ति द्वारा दिया जाना अत्यंत आवश्यक है.

ऐसा भी नहीं कि आपके द्वारा ये सबकुछ पूरी तरह नजरअंदाज किया जा रहा हो, आपके साथियों द्वारा सोशल मीडिया पर और आपके द्वारा भी अपरोक्ष रूप से ट्विटर और बयानों के माध्यम से कुछ-कुछ कहा तो जा रहा है पर सीधे कहने से बचने की एक कोशिश, बाद में समझौते की एक खिड़की खोल कर रखने की बैचैनी दिखती हैं.

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ऐसा लगता है बस थोड़ा बहुत कुछ इशारा करके, पूरी बात को बिना कहे, दबाव बनाकर किसी और मुद्दे पर पिछली बार की तरह बंद कमरों में समझौता करने का प्रयास हैं.

उदाहरण के लिए, जब आप 5-6 लोगों के राजमहलीय राजनीति कहते हो तब उनके नाम क्यों नहीं बताते, क्या कार्यकर्ता और जनता को जानने का हक नहीं?

पिछले कुछ समय मे पार्टी और सरकार में भ्रष्टाचार पर सबसे खुलकर आवाज आपने उठायी जब "We the Nation" वीडियो में आपने खुलकर कहा कि अरविंद केजरीवाल भ्रष्टाचार पर मौन हैं. बहुत बवाल हुआ.

अपने घर में कई लोगों के सामने आपने कहा कि आप सत्येंद्र जैन के भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर रहे हैं और इसको स्वीकार नहीं करेंगे. कई विधायक और कार्यकर्ता खुलकर साथ आ गए.

आपने कई TV चैनल पर लगातार इंटरव्यू दिए. जिन 27 विधायकों ने खुलकर आपके घर आकर आपको साथ का भरोसा दिया उनको भी और पार्टी में और सरकार में भ्रष्टाचार से तंग कार्यकर्ताओं को भी लगा कि आप कुछ सीधे कदम जरूर लोगे भ्रष्टाचार के खिलाफ.

मैंने भी खुलकर आपका साथ दिया खासतौर पर जब अमानतुल्ला के माध्यम से आपके खिलाफ साजिश शुरू की गई. मुझे लगा भष्टाचार पर बोलने की सजा शायद आपको दी जाएगी, हमें खुलकर आपका साथ देना चाहिये.

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फिर जो हुआ, वो हैरान करने वाला था. अरविंद केजरीवाल आपके घर आते हैं. आप उठकर उनके घर जाते हैं. हम सब और मीडिया भी पीछे पीछे आता है. वहां बन्द कमरे में मीटिंग होती हैं. आप, अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और संजय सिंह. बस और कोई नहीं.

किसी को कुछ नहीं बताया जाता और अगले दिन आप बन जाते हो राजस्थान के प्रभारी. भ्रष्टाचार के सारे सवाल खत्म हो जाते हैं. उस दिन से आप बिलकुल चुप.

सवाल शुरू हुआ था केजरीवाल की भ्रष्टाचार पर चुप्पी से और खत्म होता है आपके राजस्थान के प्रभारी बन जाने पर.

ये क्या था? उस मीटिंग में ऐसा क्या हुआ? आप भ्रष्टाचार पर चुप क्यों हो गए? बैक टू बेसिक का मतलब क्या घोटलों और भ्रष्टाचार पर चुप्पी???

तब से आप चुप हो, सत्येंद्र के घोटालों पर जिसकी ज्यादातर जानकारी आपके पास है, मैंने भी और सबूत देने की कोशिश की पर आपने लिए नहीं.

मनीष सिसोदिया पर भ्रष्टाचार की जांच चल रही हैं, पर आप चुप हैं.

केजरीवाल के परिवार के फर्जी बिल पकड़े गए 10 करोड़ रुपये के पर आप चुप हैं.

पार्टी के चंदे में करोड़ों रूपये के हवाला के सबूत हैं पर आप चुप हैं.

200 बीघा जमीन बेनामी सत्येंद्र जैन ने खरीदी पर आप चुप हैं.

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दवाई में, एम्बुलेंस में, CNG में घोटाले के मामले आये पर आप चुप हैं.

केजरीवाल के गैंग पर भ्रष्टाचार की 15 FIR हो गई पर आप चुप हैं.

पार्टी को अकाउंट में फर्जीवाड़े के कारण इनकम टैक्स और चुनाव आयोग का नोटिस आया पर आप चुप हैं. आखिर क्यों?

ये कौन सा बैक टू बेसिक है?

आप दिल्ली की जनता और कार्यकर्ताओं को न्याय दिलाये बगैर राजस्थान में कैसे जा सकते हो? क्या सिखाएंगे हम राजस्थान के साथियों को? चुनाव लड़ो, सरकार बनाओ और फिर भ्रष्टाचार के सारे रिकॉर्ड टूटते हुए देखो?

अपने ही वरिष्ठ नेताओं को राज्यसभा की सीट के लिए जानवरों की तरह लड़ते देखो?

दिल्ली के कार्यकर्ताओं से, ऑटो टैक्सी वालों से, युवाओं से, जनता से धोखा हुआ है, और आप चल दिये राजस्थान. ऐसे कैसे चलेगा?

आपने भी तो दिल्ली वालों से वोट मांगे थे? कोई नैतिक जिम्मेदारी?

सभी कार्यकर्ता व विधायक कई दिनों से इंतजार कर रहे हैं कि आप भ्रष्टाचार पर कुछ बोलेंगे? कल के आपके भाषण का बड़ी उम्मीदों से इंतजार है. हम सबको आशा है कल आप सत्येंद्र जैन के घोटालों पर, केजरीवाल के परिवार द्वारा हुए फर्जीवाड़े पर, चंदे की गड़बड़ी पर जरूर बोलेंगे.

तभी होगा असली बैक टू बेसिक.

बिना दिल्ली को न्याय मिले, राजस्थान से धोखा हम नहीं होने देंगे.

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कल इंडिया अगेंस्ट करप्शन का एक डेलिगेशन भी जयपुर आएगा. आपको सुनने, देखने कि आप भ्रष्टाचार पर बोलते हैं या चुप रह जाते हो.

प्रभात कुमार के नेतृत्व में एक डेलीगेशन 160000 पन्नों के सबूतों के साथ आपको कल जयपुर में मिलेगा, लगभग 12 बजे.

उम्मीद है आप कल सबूत लेने से इनकार नहीं करोगे. आशा है आप दिल्ली की सरकार और पार्टी के भ्रष्टाचार पर कल खुलकर बोलेंगें.

एक बात कहना चाहता हूँ भैया, दिल्ली की जनता को न्याय दिलाये बगैर, राजस्थान क्या देश में कहीं भी जनता को धोखा देने नहीं जाने देंगे हम. राजस्थान को नहीं लूटने देंगे, जैसे दिल्ली को लूटा गया हैं.

आपसे निवेदन है कि रविवार को भ्रष्टाचार पर जरूर बोलियेगा.

आपका अनुज
कपिल मिश्रा

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