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कपिल मिश्रा ने लिखा अमित शाह को पत्र, कहा- कश्मीर पर नहीं मिले इन सवालों के जवाब

दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर महबूबा मुफ़्ती से पूछे गए अपने सवालों पर जवाब मांगा है. कपिल ने पत्र में अमित शाह से पूछा है कि मंगलवार को जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जी से मिला.

दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल शर्मा दिल्ली सरकार में मंत्री कपिल शर्मा
मणिदीप शर्मा/पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2016,
  • अपडेटेड 10:10 PM IST

दिल्ली के पर्यटन मंत्री कपिल मिश्रा ने बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र लिखकर महबूबा मुफ़्ती से पूछे गए अपने सवालों पर जवाब मांगा है. कपिल ने पत्र में अमित शाह से पूछा है कि मंगलवार को जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती जी से मिला. मैंने उनसे चार सवाल पूछे. मैंने उनसे पूछा कि क्या वो बुरहान वानी को आतंकवादी मानती है? क्या अफजल गुरु को आतंकवादी मानती है? कश्मीर में रोजाना हमारे वीर जवान भारत माता की जय बोलकर शहीद हो रहे हैं, क्या महबूबा मुफ्ती भारत माता की जय बोलेंगी?

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कपिल मिश्रा ने लिखा है कि चार में से इन तीन सवालों का उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया, और उनका जवाब क्या है, ये आप भी जानते हैं और सारा देश भी.

चौथा सवाल मैंने उनसे JNU में देश विरोधी और अफजल गुरु के समर्थन में लगे नारों के बारे में पूछा. इसका उन्होंने जवाब दिया ये कहकर कि यूनिवर्सिटी में ऐसे नारे लगना डेमोक्रेसी का हिस्सा है.

25 मार्च को मैंने आपको एक पत्र लिखा था, और यही सवाल आपसे पूछे थे कि जब महबूबा मुफ्ती और उनकी पार्टी PDP खुलेआम देश विरोधी और आतंकियों की समर्थक है तब भी भाजपा उनके साथ सरकार क्यों बना रही है. आपने कोई जवाब नहीं दिया.

ये सवाल उठ रहे थे कि JNU में जिन कश्मीरी लड़कों ने नारे लगाये महबूबा मुफ्ती के दबाव में केंद्र सरकार ने उन पर कोई कार्रवाई न करने का निर्णय लिया. मंगलवार को महबूबा मुफ्ती ने भी ऐसा ही इशारा किया कि वो नहीं चाहती JNU वाले मुद्दे पर कोई कार्रवाई हो. ये क्या है सर? कहां गई भाजपा की देशभक्ति और राष्ट्रप्रेम की बड़ी बड़ी बातें. सत्ता के लिए इतना बड़ा समझौता ?ये तो पूरे देश के साथ धोखा है.

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कपिल मिश्रा ने पूछा है कि जरा सोचिए हमारे सेना के मनोबल पर क्या असर पड़ता होगा जब उन्हें पता चलता होगा की जिन आतंकियों से वो लड़ते है, जिन आतंकियों को वो मारते हैं. मुख्यमंत्री उन्हें आतंकी मानती ही नहीं.

कपिल मिश्रा ने पूछा है कि सोचिये सैनिकों को कितना दुःख होता होगा ये जानकर कि देश की सत्ताधारी भाजपा ऐसे लोगो को समर्थन दे रही है जो बुरहान वानी और अफजल गुरु को हीरो बनाते हैं. सेना के जवानों पर क्या बीतती होगी जब वो आपको मेहबूबा मुफ़्ती के साथ हंसते, बतियाते, सरकार चलाते देखते होंगें जिस दिन ISI वाले पठानकोट की जांच करने आये उस दिन सेना का कितना मनोबल टूटा होगा. कितने शहीदों की आत्माएं तड़पी होंगी उस काले दिन. ऐसे लोग जो आतंकियों के प्रति सॉफ्ट कॉर्नर रखते है उनसे दोस्ती की मजबूरी क्या है? क्या जिन सवालों के जवाब महबूबा मुफ्ती ने नहीं दिए, उनके जवाब आप देंगे? इसके अलावा कपिल मिश्रा ने पत्र में पाकिस्तान से most फेवर नेशन का दर्जा अबतक न छीनने पर भी सवाल उठाये.

चिट्ठी के आख़िर में कपिल मिश्रा ने अमित शाह से 2 सवाल भी पूछे हैं- 1. सदन का सत्र बुलाकर पाकिस्तान को आतंकी राष्ट्र घोषित करने से आपको किसने रोका है? क्यों नहीं घोषित करते पाकिस्तान को आतंकी देश? 2. पाकिस्तान को दिया हुआ मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा खत्म करने से आपको किसने रोका है? किसके दबाव में आज भी जारी है ये स्टेटस?

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