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दिल्ली प्रदेश के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी से निष्कासित नेता कपिल मिश्रा ने दिल्ली प्रदेश के उपराज्यपाल को चिट्टी लिखी है. इस चिट्ठी में वे दिल्ली प्रदेश के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रहे हैं. पढ़ें उनका पूरा लेटर...|
सेवा में,
उपराज्यपाल
दिल्ली राज्य
आदरणीय महामहिम,
विषय - अति महत्वपूर्ण व तात्कालिक कार्यवाही हेतु - मुख्यमंत्री की संदिग्ध भूमिका के संदर्भ में कल दिनांक 29 मई 2017 को मैंने स्वास्थ्य विभाग, दिल्ली सरकार संबंधित तीन भ्रष्टाचार के मामले आपको सौंपे. आज सुबह मुख्यमंत्री महोदय ने ठेकेदारों के पेमेंट 24 घंटे में क्लीयर करने हेतु मुख्य सचिव को निर्देश दिए.
महोदय,
अत्यंत दुःखद है कि मुख्यमंत्री ठेकेदारों के बिल क्लीयर करवाने के लिए मुख्य सचिव पर दबाव बना रहे है तथा अस्पतालों में दवाई न होने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री या स्वास्थ्य सचिव को कोई निर्देश नही दे रहें. आज मैंने अभी कुछ देर पहले तीन गोदामों में से एक का दौरा किया जहां पार्किंग के बेसमेंट में कई ट्रक जीवन रक्षक दवाइयां डंप हैं. गुरु गोविंद सिंह अस्पताल रघुबीर नगर की पार्किंग में ये दवाइयां रखी हैं. वहां मैने देखा कि बिना किसी स्टोरेज फैसिलिटी के करोड़ो रुपये की दवाइयां जिनमे कई तरह की सिरप, आंखों और कानों में डालने वाली ड्रॉप्स, घावों में लगाई जाने वाली रुई के बंडल, टेबलेट्स, जीवन रक्षक घोल के पैकेट इत्यादि रखे हुए हैं.इन्हीं दवाओं के पेमेंट के लिए मुख्यमंत्री द्वारा दबाव बनाया जा रहा हैं. इन दवाइयों की क्वालिटी, इस्तेमाल करने लायक है भी या नहीं, इन्हें डंप क्यों किया गया, आज अस्पतालों में दवाइयां खत्म होने के कारण क्या है और जिम्मेदार कौन है?
आपसे निवेदन है कि मुख्यमंत्री द्वारा आज कुछ ठेकेदारों के बिल क्लीयर करवाने के लिए आउट ऑफ वे जाकर जो निर्देश दिए गए है उसे भी भ्रष्टाचार का हिस्सा माना जाए. जब तक ये दवाइयां क्यों और किसके निर्देश पर खरीदी गई, इनकी क्वालिटी क्या है और क्यों आज अस्पतालों में दवाइयां खत्म हुईं इस भ्रष्टाचार की पूरी जांच न हो जाये तब तक मुख्यमंत्री के दबाव में बिल क्लीयर नही किये जाने चाहिए. मुख्यमंत्री क्योंकि स्वयं आरोपी है इसलिए उनके पत्रों को उसी तरह से संज्ञान में लिया जाए. जबसे इस घोटाले की जानकारी जनता को मिली है तबसे मुख्यमंत्री लगातार सीधे मुख्यसचिव पर दबाव बना रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री को बचाने की पूरी कोशिश है. आपसे निवेदन है कि स्वास्थ्य विभाग में सीधे हस्तक्षेप करें, भ्रष्टाचार आए संबंधित फाइलों एयर तथ्यों को नष्ट करने व खुद को क्लीन चिट देने की कोशिश आरोपियों द्वारा की जा सकती हैं.
आपका
कपिल मिश्रा
30 मई 2017