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Mumbai: नॉनवेज के लिए मशहूर करीम के नाम पर देश-विदेश में खोले 41 रेस्टोरेंट, कोर्ट पहुंचा मामला तो आया ये आदेश

Karim Restaurant Controversy: दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में करीम नाम से एक फेमस रेस्टोरेंट है. इसका संचालन 1913 से किया जा रहा है. करीम होटल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का यह रेस्टोरेंट मुगलई खाने के लिए प्रसिद्ध है.

दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में 1913 से करीम होटल संचालित हो रहा है. (File Photo) दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में 1913 से करीम होटल संचालित हो रहा है. (File Photo)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 मई 2022,
  • अपडेटेड 11:48 AM IST
  • मुंबई के बिजनेसमैन ने देश-विदेश में खोले 41 रेस्टोरेंट
  • बिजनेसमैन को समाचार पत्रों में देना होगा विज्ञापन

दो रेस्टोरेंट चेन के बीच ट्रेडमार्क को लेकर छिड़ी लड़ाई पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया है. दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को इस मामले में दशकों से चली आ रही रेस्टोरेंट चेन के पक्ष में आदेश दिया है. कोर्ट ने कहा कि बाद में रेस्टोरेंट खोलने वाले शख्स को ये प्रचार करना होगा कि उसका दशकों से चले आ रहे रेस्टोरेंट से कोई लेना-देना नहीं है.

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दरअसल, दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में करीम नाम से एक फेमस रेस्टोरेंट है. इसका संचालन 1913 से किया जा रहा है. करीम होटल प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी का यह रेस्टोरेंट मुगलई खाने के लिए प्रसिद्ध है. होटल के मालिक ने दिल्ली हाईकोर्ट में मुंबई के एक बिजनेसमैन के खिलाफ फरवरी में केस किया था. 

करीम होटल के मालिक ने अपील में कहा था कि उनके ब्रांड के नाम का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है. मुंबई के बिजनेसमैन करीम धनानी ने उनके ब्रांड के नाम पर दुबई, कनाडा और अबू धाबी सहित देश-विदेश में 41 रेस्टोरेंट की एक चेन खोल ली है. इससे उनका नाम प्रभावित हो रहा है. 

नया रेस्टोरेंट खोलने पर लगाई रोक

इस मामले में सुनवाई के बाद दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना आदेश दिया. अदालत ने कहा कि मुंबई के बिजनेसमैन को समाचार पत्रों में विज्ञापन देकर लोगों को यह बताना होगा कि उनका 1993 से संचालित करीम होटल से कोई लेना-देना नहीं है. साथ ही कोर्ट ने बिजनेसमैन के नए रेस्टोरेंट खोलने पर भी रोक लगा दी है. कोर्ट ने कहा है कि मुंबई के बिजनेसमैन करीम (Karim, Karim’s, Kareem, या Kareem’s) नाम से कोई नया रेस्टोरेंट नहीं खोल सकते.

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विज्ञापनों के जरिए बतानी होगी सच्चाई

अदालत ने आगे कहा कि आरोपी को अपने सभी विज्ञापनों के अलावा प्रचार सामग्री, मेनू लिस्ट और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर प्रचार के दौरान दर्ज करना होगा कि जामा मस्जिद वाली करीम होटल से उनका कोई संबंध नहीं है. इस ममले में अगली सुनवाई 8 अगस्त को होगी.

करीम के पूर्वज थे शाही खानसामा

दिल्ली के जामा मस्जिद इलाके में करीम नाम से होटल चलाने वाले शख्स ने कोर्ट को बताया था कि उनका होटल दशकों पुराना है. उनके पूर्वज मुगल साम्राज्य में शाही खानसामा थे. उन्होंने मुगलई खाने की कई डिश तैयार की थीं. इस काम को ही वे आगे बढ़ा रहे हैं. 

मुंबई के बिजनेसमैन ने 2003 में शुरू किया काम

इस मामले की सुनवाई जस्टिस सिंह ने की. उन्होंने सुनवाई के दौरान कहा कि करीम धनानी ने 2003 में करीब ट्रेडमार्क के साथ रेस्टोरेंट शुरू किए. लेकिन दिल्ली के जामा मस्जिद वाले करीम लगभग 90 साल पहले से इसे संचालित कर रहे हैं. इस तथ्य को देखें तो अपीलकर्ता के पास ही इसके इस्तेमाल का अधिकार होना चाहिए. 

5 जुलाई तक दर्ज कराना होगा बयान

हालांकि, अदालत ने कहा कि धनानी भी 41 रेस्टोरेंट चला रहे हैं. इसलिए संतुलन बनाना होगा, ताकि किसी भी पक्ष को अपूरणीय रूप से क्षति ना हो. कोर्ट ने कहा है कि अपीलकर्ता को 5 जुलाई 2022 तक अपना लिखित बयान दर्ज कराना होगा. उन्हें दूसरे रेस्टोरेंट को दी गई फ्रेंचाइजी के कागजात भी कोर्ट को दिखाने होंगे. अदालत ने दोनों पक्षों को समाधान तलाशने के लिए 8 अगस्त को उपस्थित रहने के निर्देश दिए.

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