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दिल्ली: AAP को बड़ा झटका, कौसर जहां बनीं हज कमेटी की चेयरमैन, बीजेपी से है ताल्लुक

भारतीय जनता पार्टी से ताल्लुक रखने वाली कौसर जहां ने हज कमेटी चेयरमैन के पद पर कब्जा जमाने में कामयाबी हासिल कर ली है. इसे आम आदमी पार्टी के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है. कौसर जहां ऐसी दूसरी महिला हैं, जो दिल्ली हज कमेटी की चेयरमैन बन गई हैं.

कौसर जहां (File Photo) कौसर जहां (File Photo)
राम किंकर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:17 PM IST

दिल्ली में आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है. भाजपा से ताल्लुक रखने वालीं कौसर जहां को स्टेट हज कमेटी का नया चेयरमैन चुन लिया गया है. बता दें कि गौतम गम्भीर और मोहम्मद साद ने कौसर को वोट दिया था.

दिल्ली के इतिहास में ऐसा दूसरी बार हुआ है, जब स्टेट हज कमेटी की चेयरमैन कोई महिला बनी हैं.कौसर से पहले दिल्ली की महिला चेयरमैन ताजदार बाबर रही हैं.

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इससे पहले 6 जनवरी को दिल्ली में नई हज कमेटी का गठन किया गया था. इसमें बीजेपी के सांसद, आप के दो विधायक और कांग्रेस की एक पार्षद को शामिल किया गया था. उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने 3 साल के लिए हज कमेटी का गठन किया था. जिसमें बीजेपी सांसद गौतम गंभीर, आम आदमी पार्टी के 2 विधायक हाजी यूनुस और अब्दुल रेहमान शामिल हैं. इनके साथ ही कांग्रेस पार्षद नाजिया दानिश को भी कमेटी का सदस्य बनाया गया था.

बता दें कि हाल ही में आप प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया था कि मेयर चुनाव में बीजेपी के लिए अच्छा होगा अगर कांग्रेस सदन से बाहर रहेगी और कांग्रेस इसके लिए सहमत भी हो गई है. आप नेता ने आरोप लगाया था कि मेयर चुनाव से दूर रहने के लिए बीजेपी ने एमसीडी में कांग्रेस नेता नाजिश दानिश को हज कमेटी का सदस्य बनाया है.

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हाल ही में 11 जनवरी को केंद्र सरकार ने हज यात्रा को लेकर बड़ा फैसला किया था. हज के लिए सरकार की ओर से दिया जाने वाला वीआईपी कोटा खत्म करने की बात सामने आई थी. पहले हज यात्रा को लेकर कुछ आरक्षित सीटें दी जाती थीं, जिन्हें खत्म करने की कार्रवाई शुरू हो गई थी. 

दरअसल, पहले राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री और हज समिति द्वारा आवंटित सीटों से करीब 500 लोग हज पर जा सकते थे. राष्ट्रपति कोटे से 100, उपाध्यक्ष कोटे से 75, पीएम कोटे से 75, अल्पसंख्यक कार्य मंत्री कोटे से 50, हज कमेटी ऑफ इंडिया को 200 सीटें मिलती थीं. लेकिन नई हज नीति के मसौदे में अब इसे खत्म किया जा रहा है.

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