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दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने केजरीवाल सरकार पर बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है कि दिल्ली सरकार शिक्षा नीति को तहस-नहस कर रही है. माकन ने आरोप लगाया कि केजरीवाल सरकार ने बिना एक्सपर्ट और संबंधित लोगों से बात किए शिक्षा नीति में कई ऐसे बदलाव कर दिए हैं, जिनका स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों पर बुरा असर पड़ेगा.
माकन ने यह भी कहा है कि उनकी पार्टी ने एक्सपर्ट के एक पैनल से दिल्ली सरकार की शिक्षा नीति पर रिपोर्ट तैयार करवाई है. इसमें कई ऐसी बातें निकलकर सामने आई हैं, जो बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ साबित हो सकती है.
सरकारी स्कूल की किताबों में क्वालिटी नहीं
दिल्ली सरकार ने दिल्ली के स्कूलों में बच्चों को एक बेसिक स्किल टेस्ट लिया है. इसमें उसने बच्चों को ब्राइट और वीक कैटेगरी में बांट कर उनके सेक्शन भी अलग कर दिए हैं. इस भेदभाव का बालमन पर बुरा असर पड़ेगा. इसके अलावा उन्होंने दिल्ली सरकार की स्कूलों में पढाई जा रही प्रगति किताबों पर भी सवाल उठाया.
प्राइवेट संस्थाओं से मिली है केजरीवाल सरकार
माकन ने कहा कि इन किताबों को जबरदस्ती स्कूली बच्चों पर थोपा गया है. इनकी गुणवत्ता स्कूली पाठ्यक्रम के हिसाब से नहीं है. इससे छात्रों की पढ़ाई की नींव कमजोर होगी. उनका आरोप है कि सरकार कुछ प्राइवेट संस्थाओं के साथ मिलकर दिल्ली की शिक्षा नीति में बदलाव का काम कर रही है, लेकिन आरटीआई में इन संस्थाओं के साथ करार किन शर्तों पर हुआ है और किस काम के लिए हुआ है, इसकी भी जानकारी नहीं दी जा रही है.
शिक्षा नीति बदलाव पर श्वेत पत्र लाने की मांग
दिल्ली कांग्रेस ने केजरीवाल सरकार से शिक्षा नीति में जो बदलाव किए गए हैं, उस पर एक श्वेत पत्र लाने की मांग की है. इसमें दिल्ली के स्कूलों की हालत और शिक्षा में किए जा रहे बदलावों को बताना चाहिए. माकन ने बताया कि कांग्रेस ने एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है, जो ख्याला के एक स्कूल की छात्रा की आत्महत्या के मामले में तथ्य जुटाएगी. इस छात्रा ने दिल्ली सरकार की पैंरेंट टीचर मीटिंग के बाद खुदकुशी कर ली थी.