
दिल्ली में लगातार बढ़ रहे पॉल्यूशन को लेकर केजरीवाल सरकार गंभीर है. इसके लिए चार मार्च को एक्सपर्ट और पर्यावरण संगठनों के साथ एक मीटिंग होने जा रही है. पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के अधिकारियों के साथ अहम बैठक की. बैठक के बाद गोपाल राय ने बताया कि धूल के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक दीर्घकालीन कार्य योजना बनाई जा रही है. इसके लिए आज एक सात सदस्यीय कमेटी गठित की गई है.
विशेषज्ञों के साथ होगी चर्चा
मार्च से सितंबर तक एंटी पाॅल्यूशन कैंपेन को कैसे लागू किया जाए? इसके लिए 4 मार्च को विशेषज्ञों और विभिन्न संगठनों के साथ राउंड टेबल काॅन्फ्रेंस आयोजित कर उनसे सलाह ली जाएगी, ताकि इसके लिए कार्य योजना बनाई जा सके. इसके अलावा दिल्ली सरकार ग्रीन वॉर रूम में आ रही प्रदूषण की शिकायतों को समय से हल करने में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अब सीधे कार्रवाई करने की तैयारी कर रही है. दिल्ली सरकार के मुताबिक कनाॅट प्लेस में स्थापित किए जा रहे स्माॅग टाॅवर प्रोजेक्ट का काम जून तक पूरा हो जाएगा, इसकी निगरानी के लिए क्लोज माॅनिटरिंग टीम गठित की गई है.
पानी छिड़काव के निर्देश
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने मौजूदा प्रदूषण को कम करने के लिए पीडब्ल्यूडी और एमसीडी को पानी के छिड़काव में तेजी लाने के निर्देश भी दिए हैं. सात सदस्यीय कमेटी धूल के प्रदूषण को लेकर एक एक्शन प्लान सरकार को सौंपेगी. इस कमेटी में डीपीसीसी, आईआईटी दिल्ली, डीएमआरसी के साथ-साथ अलग-अलग विभागों के लोगों को शामिल किया गया है. कनॉट प्लेस में लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत से स्माॅग टाॅवर लगाने का काम चल रहा है, उस प्रोजेक्ट की मौजूदा स्थिति क्या है और उसमें कितनी प्रगति हुई है? इस बारे में अधिकारियों ने बताया है कि जून तक स्माॅग टाॅवर प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा.
पड़ोसी राज्यों से होगी चर्चा
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण को लेकर पड़ोसी राज्यों और केंद्र सरकार के साथ भी बातचीत की जाएगी. दिल्ली के अंदर जो प्रदूषण की समस्या है, वह सिर्फ दिल्ली की नहीं है. नॉर्थ इंडिया का जो एयर सेट है, वह पूरे नॉर्थ इंडिया को प्रभावित करता है. पिछले दिनों दिल्ली के अंदर बायो डीकंपोजर का प्रयोग किया गया. इसकी पूरी रिपोर्ट पर केंद्रीय अथाॅरिटी में पिटीशन दायर की गई. पर्यावरण मंत्री ने कहा कि केंद्रीय अथाॅरिटी उस रिपोर्ट को सही से समझे और पराली की समस्या के समाधान के लिए अभी से तैयारी की जाए, ताकि पड़ोसी राज्यों में इसको लागू किया जा सके.
ये भी बड़ी समस्या
गोपाल राय ने बताया कि दिल्ली के चारों तरफ जो थर्मल पाॅवर प्लांट हैं, ये प्लांट बड़े पैमाने पर प्रदूषण पैदा करते हैं और इसका प्रभाव दिल्ली पर भी पड़ता है. इन थर्मल पाॅवर प्लांट से होने वाले प्रदूषण को नियंत्रित करने को लेकर क्या कार्य योजना बनाई जा सकती है, इस पर भी 4 मार्च को विचार विमर्श किया जाएगा.
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