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हर महीने 15 दिन के लिए ऑड-इवन लागू करने की तैयारी में केजरीवाल सरकार

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधि‍त करते हुए केजरीवाल ने कहा कि 15 अप्रैल से लागू हो रही योजना में महिलाओं और यूनिफॉर्म वाले स्कूली विद्यार्थियों को ले जा रहे वाहनों को छूट दी जाएगी.

दिल्ली में 15 अप्रैल से ऑड-इवन दोबारा दिल्ली में 15 अप्रैल से ऑड-इवन दोबारा
स्‍वपनल सोनल/BHASHA
  • नई दिल्ली,
  • 09 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 7:24 AM IST

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि उनकी सरकार राष्ट्रीय राजधानी में हर महीने 15 दिन ऑड-इवन फॉर्मूला लागू करने के प्रस्ताव पर गंभीरता से विचार कर रही है. इसी के साथ उन्होंने ऑड-इवन के दूसरे चरण के दिशा-निर्देशों की घोषणा की.

प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधि‍त करते हुए केजरीवाल ने कहा कि 15 अप्रैल से लागू हो रही योजना में महिलाओं और यूनिफॉर्म वाले स्कूली विद्यार्थियों को ले जा रहे वाहनों को छूट दी जाएगी. उन्होंने कहा, 'महिला चालक, सीएनजी संचालित वाहनों, राज्यों के मुख्यमंत्रियों और यूनीफार्म में स्कूली विद्यार्थियों को ले जा रहे वाहनों को सम-विषम योजना के दूसरे चरण में छूट दी जाएगी.'

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बता दें कि सचिवालय में आयोजित इस संवाददाता सम्मेलन के दौरान ही आम आदमी सेना के कार्यकर्ता वेद प्रकाश शर्मा ने कथित सीएनजी स्टिकर घोटाले को लेकर सीएम केजरीवाल पर जूता फेंका. हालांकि, जूता केजरीवाल तक नहीं पहुंच पाया. पुलिस कार्यकर्ता से पूछताछ कर रही है.

'मजबूत परिवहन प्रणाली के बिना स्थाई नहीं'
कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए केजरीवाल ने कहा कि हर महीने एक पखवाड़े के दौरान इसे लागू किये जाने पर विचार किया जा रहा है, क्योंकि मजबूत सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के बिना इसे स्थाई नहीं किया जा सकता.

ऑड-इवन फॉर्मूला के दूसरे चरण में पहले चरण की तुलना में एकमात्र बड़ा बदलाव ये है कि स्कूल यूनिफॉर्म में बच्चों को ले जा रही कार को इससे छूट रहेगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि वीआईपी, सीएनजी कारों, महिलाओं द्वारा चलाई जा रही कारों, आपात चिकित्सा स्थिति और विकलांग लोगों को ले जा रही कारों को इस नियम से छूट मिलेगी.

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नए नियम में यह है समस्या
केजरीवाल ने इस बात को स्वीकार किया कि स्कूल यूनिफॉर्म में बच्चों को ले जाने वाली कारों को छूट के दायरे में रखना थोड़ा मुश्किल है, क्योंकि ऐसे सभी वाहन बच्चों को स्कूल से वापस लाने के लिए खड़े नहीं रह सकते.

मुख्यमंत्री ने कहा, 'इस मामलों में दो चीजें हो सकती हैं. पहले मामले में एक वाहन बच्चे को स्कूल में छोड़ता है, वहीं खड़ा रहता है और बच्चे को वापस लेकर लौटता है. लेकिन ऐसे भी मामले हो सकते हैं कि एक तरफ से कार में बच्चा मौजूद नहीं हो. ऐसे में थोड़ी परेशानी हो सकती है.'

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