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दिल्ली में एक बार फिर केजरीवाल सरकार और एमसीडी के बीच ठन गई है. दोनों ने एक दूसरे की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है. केजरीवाल सरकार ने एमसीडी से जुड़े विभागों की जांच करने की कमेटी गठित की है तो वहीं दूसरी तरफ एमसीडी ने भी केजरीवाल सरकार के कामकाज को लेकर भी कमेटी गठित कर दी है.
दिल्ली में एक बार फिर अधिकारों की जंग छिड़ गई है. जहां एक तरफ दिल्ली सरकार ने एमसीडी की जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है, तो वहीं इसके जवाब में साउथ एमसीडी ने भी कमेटी बना दी है.
दिल्ली सरकार ने MCD की जांच के लिए जो कमेटी बनाई है, वो इन बिन्दुओं काम करेगी-
1. दिल्ली सरकार की कमेटी एमसीडी में भ्रष्टाचार की जांच करेगी.
2. कैसे एमसीडी के कामकाज को बेहतर बनाया जा सके?
3. क्या तीनों एमसीडी को बरकरार रखना चाहिए?
4. एमसीडी को लेकर शिकायतों की जांच भी करेगी.
साउथ एमसीडी में सदन के नेता सुभाष आर्या ने दिल्ली सरकार के कमेटी पर सवाल खड़ा किए हैं. उन्होंने सवाल किया कि जब एमसीडी दिल्ली सरकार के अधिकार क्षेत्र में ही नहीं है, तो फिर ये कैसे जांच कर सकते हैं. इसी के उलट एमसीडी ने भी दिल्ली सरकार की जांच के लिए कमेटी बना दी है.
MCD की कमेटी इन मामलों की करेगी जांच-
1. दिल्ली सरकार का निगम के अधिकारों पर कब्जे की जांच.
2. दिल्ली सरकार एमसीडी को योजना और गैर योजना का पैसा क्यों नहीं दे रही है?
3. आखिर बिना अनुमति के दिल्ली जल बोर्ड ने रोड कटिंग कैसे किया?
4. स्वच्छता उपनियमों पर सरकार क्या कर रही है?
5. दिल्ली सरकार एमसीडी के डॉक्टरों और अधिकारियों को आदेश देना.
क्या चुनावी है यह जंग?
केजरीवाल सरकार और आम आदमी पार्टी लगातार एमसीडी पर सवाल खड़े कर रही है, तो वहीं एमसीडी का आरोप है कि दिल्ली में अगले साल नगर निगम चुनाव होना है, इस वजह से केजरीवाल सरकार एमसीडी को टारगेट कर रही है यानी साफ है कि ये लड़ाई अभी जारी रहगी.