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केजरीवाल सरकार की एक और फाइल LG के पास अटकी! महरौली डेमोलिशन से जुड़ा है मामला

दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत और मदद पहुंचाने को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा था. दिल्ली सरकार के मुताबिक डीडीए ने महरौली पुरातत्व पार्क के विवादित सीमांकन के बहाने लाधा सराय गांव में कई घरों को गिरा दिया है. इसके चलते कई परिवार बेघर हो गए हैं और उनके पास बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.

केजरीवाल सरकार ने अनुमित के लिए एलजी को भेजी है फाइल केजरीवाल सरकार ने अनुमित के लिए एलजी को भेजी है फाइल
पंकज जैन
  • नई दिल्ली,
  • 16 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 6:07 PM IST

दिल्ली में केजरीवाल सरकार और उपराज्यपाल दफ़्तर के बीच टकराव का एक और मामला सामने आया है. दिल्ली सरकार के मुताबिक साउथ दिल्ली स्थित महरौली में केंद्र सरकार की डीडीए द्वारा किए गए डेमोलिशन से बेघर हुए परिवारों को बुनियादी सुविधाओं के साथ टेंट, खाना, कंबल मुहैया कराने के प्रस्ताव को अरविंद केजरीवाल ने मंजूरी दे दी. अब यह फाइल एलजी के पास लंबित है.

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दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत और मदद पहुंचाने को लेकर मुख्यमंत्री के समक्ष प्रस्ताव रखा था. दिल्ली सरकार के मुताबिक डीडीए ने महरौली पुरातत्व पार्क के विवादित सीमांकन के बहाने लाधा सराय गांव में कई घरों को गिरा दिया है. इसके चलते कई परिवार बेघर हो गए हैं और उनके पास बुनियादी सुविधाओं का अभाव है. 

प्रस्ताव में राजस्व मंत्री ने मुख्यमंत्री से कहा कि साउथ दिल्ली के लाधा साराय गांव में महरौली पुरातत्व पार्क के सीमांकन मामले की जानकारी मुझे वहां रहने वाले दो निवासियों ने दी. यह जानकारी मिलने के तत्काल बाद 10 फरवरी को मैंने साउथ दिल्ली के डीएम के साथ बैठक की. बैठक में मुझे बताया गया कि डीडीए के अनुरोध पर दिसंबर 2021 में सीमांकन किया गया. तब मैंने डीएम से पूछा कि क्या वहां के प्रभावित लोगों को सीमांकन के बारे में पहले सूचित किया गया था? क्योंकि मुझे बताया गया है कि प्रभावित लोगों को सीमांकन की कोई जानकारी नहीं दी गई थी.

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राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने बताया कि 11 फरवरी 2023 को मैंने साउथ दिल्ली के डीएम को लाधा साराय, महरौली पुरातत्व पार्क का नए सिरे से सीमांकन कराने को कहा था. साथ ही, डीएम को सरकार के आदेश से डीडीए अधिकारियों को अवगत कराने का निर्देश दिया था कि इसका फिर से सीमांकन किया जाएगा, लेकिन इन निर्देशों का साउथ दिल्ली के डीएम द्वारा पालन नहीं किया गया. इसके बाद 14 फरवारी 2023 को फिर मैंने साउथ दिल्ली के डीएम को पत्र के जरिए निर्देशित किया कि सरकार के आदेश से डीडीए अधिकारियों को अवगत कराया जाए. राजस्व मंत्री बताया कि डीडीए द्वारा डेमोलिशन को रोक दिया गया है. जिला प्रशासन को बेघर हुए जरूरतमंद लोगों के लिए टेंट, भोजन, कंबल आदि की व्यवस्था करने का निर्देश दिया जाए.

11 फरवरी को साउथ दिल्ली डीएम को लिखा था पत्र 

इससे पहले, 11 फरवरी 2023 को दिल्ली के राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने महरौली क्षेत्र में डेमोलिशन की कार्रवाई पर साउथ दिल्ली के डीएम को पत्र लिखा था. जिसमें स्पष्ट किया गया कि डीडीए के अनुरोध पर राजस्व विभाग द्वारा सीमांकन की कार्रवाई उचित नहीं मानी जाएगी. उन्होंने साउथ दिल्ली के डीएम से यह भी कहा कि वे उनके आदेश से डीडीए के अधिकारियों को अवगत कराएं और नए सिरे से सीमांकन की कवायद शुरू की जाए. राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने लाधा सराय गांव स्थित महरौली पुरातत्व पार्क के सीमांकन के संबंध में साउथ दिल्ली के डीएम को पत्र लिखते हुए कहा था कि 9 फरवरी को लाधा सराय गांव के कुछ निवासियों ने और 10 फरवरी को मालवीर नगर के विधायक सोमनाथ भारती से एक शिकायत प्राप्त हुई. जिसमें कहा गया था कि डीडीए ने 12 फरवरी को महरौली क्षेत्र में डेमोलिशन के आदेश दिए हैं. 

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इस आदेश के तहत डीडीए ने लाधा सराय गांव में सरकारी भूमि पर स्थित कथित अतिक्रमण को हटाने का निर्णय लिया है. प्राप्त शिकायत में यह भी कहा गया कि अतिक्रमण की पहचान करने के लिए डीडीए का एकमात्र स्रोत दिल्ली सरकार के राजस्व विभाग द्वारा कथित भूमि का सीमांकन है. उक्त अभ्यावेदनों में यह भी कहा गया कि राजस्व विभाग द्वारा किया गया सीमांकन अवैध और शून्य था. इसे न तो कानून के अनुसार किया गया था और न ही इसे करने से पहले प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन किया गया था. अभ्यावेदनों में अनुरोध किया गया था कि डेमोलिशन मामले का तत्काल संज्ञान लिया जाए और राजस्व अधिकारियों को सीमांकन रिपोर्ट को निरस्त करने के निर्देश दिए जाएं.

राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने साउथ दिल्ली के डीएम को दिए पत्र में कहा था कि इस मामले में मुझे इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट के साथ-साथ सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी प्राप्त हुई कि डीडीए ने 10 फरवरी को गांव लाधा सराय में डेमोलिशन अभियान चलाया है. वहां कई पुराने निर्माणों को यह कहते हुए ध्वस्त कर दिया कि यह सरकारी भूमि पर बनाई गई हैं. 

दिल्ली सरकार ने इन 7 कारणों से डीडीए के अनुरोध पर राजस्व विभाग के सीमांकन को गलत बताया: 

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1. लाधा सराय गांव घनी आबादी वाला क्षेत्र है और गांव में भवन व आवासीय घर बहुत पुराने हैं. यह एक स्वीकृत स्थिति है. 

2. 10 फरवरी की बैठक में राजस्व अधिकारियों द्वारा यह स्वीकार किया गया है कि प्रभावित क्षेत्र में सीमांकन से पहले कब्जाधारियों को कोई नोटिस नहीं दिया गया था. जाहिर तौर पर सीमांकन करते समय कब्जाधारियों को शामिल नहीं किया गया. यह स्पष्ट है कि कब्जाधारियों को अंधेरे में रखकर सीमांकन किया गया और पीड़ित व्यक्तियों की कोई सुनवाई नहीं हुई थी. 

3. लाधा सराय गांव का शहरीकरण बहुत पहले ही हो गया था और इसलिए राजस्व विभाग राजस्व रिकॉर्ड को अपडेट नहीं कर रहा है.

4. राजस्व अधिकारी इस तथ्य से अवगत थे कि डीडीए ने उनसे प्रभावित क्षेत्र के सीमांकन के लिए अनुरोध किया था, क्योंकि उनका इरादा उस क्षेत्र में डेमोलिशन अभियान चलाने का था. राजस्व अधिकारी डीयूएसआईबी अधिनियम 2010, दिल्ली स्लम और जेजे पुनर्वास और स्थानांतरण नीति 2015  के प्रावधानों से अच्छी तरह से अवगत हैं. राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली (विशेष प्रावधान) संशोधन अध्यादेश अभी भी प्रचलन में है और इसे समय-समय पर विस्तारित किया जा रहा है. राजस्व अधिकारियों को इसकी भी स्पष्ट जानकारी है.

5. यह स्पष्ट है कि राजस्व अधिकारियों ने प्रभावित क्षेत्र का सीमांकन करने से पहले उपरोक्त प्रावधानों पर विचार नहीं किया.

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6. सर्वोच्च न्यायालय ने 5 जनवरी 2023 को दिए एक निर्णय में डेमोलिशन के आदेश पर रोक लगाया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह रोक उत्तराखंड राज्य में ध्वस्तीकरण अभियान पर लगाया है, जहां रेलवे के अंतर्गत आने वाली भूमि पर राज्य सरकार डेमोलिशन अभियान चलाने जा रही थी. 

7. यदि डीडीए के अनुरोध पर सीमांकन करने से पहले राजस्व अधिकारियों ने उपरोक्त बातों का ध्यान रखा होता तो निश्चित रूप से सीमांकन रिपोर्ट के अलग-अलग परिणाम सामने आते.

राजस्व मंत्री कैलाश गहलोत ने पत्र में कहा था कि इन सभी कारणों के मद्देनजर साउथ दिल्ली के डीएम को सलाह दी जाती है कि गांव लाधा सराय स्थित महरौली पुरातत्व पार्क का नए सिरे से सीमांकन किया जाए. साथ ही, इसका सख्ती से पालन किया जाए. सीमांकन की निष्पक्षता और पारदर्शिता के लिए इस कार्यवाई से प्रभावित होने वाले लोगों को सीमांकन रिपोर्ट तैयार करने के दौरान उपस्थित रहने के लिए कहा जाए. साथ ही, साउथ दिल्ली के डीएम को यह भी सलाह दी जाती है कि इस आदेश के बारे में वे तुरंत डीडीए अधिकारियों को सूचित करें और नए सिरे से सीमांकन की कवायद की शुरू जाए.

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