
दिल्ली की केजरीवाल सरकार को हाईकोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. अदालत ने दिल्ली में केंद्र के दखल को सही ठहराया है. साथ ही कोर्ट के फैसले से अब ये स्पष्ट हो गया है कि दिल्ली की डोर अब उपराज्यपाल नजीब जंग के हाथ में है. इस फैसले पर बीजेपी नेताओं ने खुशी जाहिर की है.
दिल्ली की केजरीवाल सरकार से अधिकारों की जंग जीतने के बाद दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष सतीश उपाध्याय ने कहा कि 'दिल्ली के लिए आज का दिन स्वर्णिम दिन है.' उन्होंने केजरीवा सरकार पर तंज करते हुए कहा कि अब साफ है कि दिल्ली में कानून का राज होगा अराजकता का नहीं. उन्होंने ये भी कहा कि 'दिल्ली के मुख्यमंत्री को 10 दिन विपश्यना पर जाने की जरूरत नहीं है, बल्कि संविधान व्यवस्था का 10 दिन का क्रैश कोर्स की करने की जरूरत है.
संविधान की जीत हुई
वहीं बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि 'दिल्ली में कानून व्यव्स्था और संविधान की जीत हुई है.' उन्होंने कहा कि सरकार कोई
'वनमैनशिप' नहीं है, ये केंद्र और राज्य के संबंधों में तालमेल से चलती है. उन्होंने दिल्ली सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि 'इस केस पर दिल्ली सरकार ने करोड़ों
रुपए खर्च कर दिए, वकीलों को 40-40 लाख रुपए फीस दी गई है.'
राष्ट्रपति से नहीं लड़ता केंद्र
दिल्ली से बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि ''दिल्ली सरकार उपराज्यपाल के अधिकारों का अतिक्रमण करने में लगी है.
इसने संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाया है.' उन्होंने आम आदमी पार्टी के हमलों का पलटवार करते हुए कहा कि 'क्या केंद्र सरकार राष्ट्रपति से लड़ाई करती है, भले ही वो
एक विपक्षी पार्टी के बड़े नेता रहे हैं.' इतना ही नहीं उन्होंने ये भी कह डाला कि 'दिल्ली की जनता ने केजरीवाल को दिल्ली की सेवा के लिए चुना ना कि देश में अपनी
पार्टी के विस्तार के लिए.' दूसरी तरफ बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने दिल्ली सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सीएम केजरीवाल को अब अकल आ जानी चाहिए.