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दिल्ली सरकार बढ़ाएगी विधायकों की सैलरी, कांग्रेस बोली- जनता बेहाल, विधायक मालामाल

दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने इस फैसले को गलत बताते हुए केजरीवाल को उनके पुराने वादे याद करवाए. उन्होंने कहा कि सीएम कहते थे कि ना सुरक्षा लेंगे ना सैलरी.

दिल्ली में विधायकों की सैलरी बढ़ाने पर विचार (पीटीआई) दिल्ली में विधायकों की सैलरी बढ़ाने पर विचार (पीटीआई)
सुशांत मेहरा
  • नई दिल्ली,
  • 07 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 8:56 PM IST
  • दिल्ली में विधायकों की सैलरी बढ़ाने पर विचार
  • कांग्रेस बोली- जनता बेहाल, विधायक मालामाल

दिल्ली सरकार तमाम विधायकों की सैलरी बढ़ाने पर विचार कर रही है. 67 फीसदी सैलरी बढ़ाने पर सहमति बन रही है और इस प्रस्ताव को केंद्र के पास मंजूरी के लिए भेजा जा सकता है. लेकिन सीएम केजरीवाल के इस फैसले से कांग्रेस खुश नहीं है. उन्होंने तंज कसते हुए कहा है कि जनता बेहाल है लेकिन विधायक मालामाल हो रहे हैं.

दिल्ली में विधायकों की सैलरी बढ़ाने पर विचार, कांग्रेस नाराज

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दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी ने इस फैसले को गलत बताते हुए केजरीवाल को उनके पुराने वादे याद करवाए. उन्होंने कहा कि सीएम कहते थे कि ना सुरक्षा लेंगे ना सैलरी.लेकिन आज सत्ता में रह कर मुख्यमंत्री दिल्ली कैंट की 9 साल की बच्ची को सुरक्षा नही दे पाए. 

अनिल चौधरी ने कहा कि कोरोना काल में विधायकों की सैलरी में 67 फीसदी की बढ़त करना कहा तक उचित है. उनके मुताबिक केजरीवाल ने विधायकों की बेसिक सैलरी 12 हजार से सीधे 30 हजार करने पर सहमति दी है. अनिल ने बीजेपी पर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि क्या सदन में इस फैसले का उनकी तरफ से विरोध नहीं किया गया. क्या किसी को भी दिल्ली की आम जनता की याद नहीं आई.

कांग्रेस ने जारी किए आंकड़े

विधायकों को मिल रही सुविधाओं के बारे में अनिल चौधरी ने कहा कि बेसिक वेतन- 30,000 ,चुनाव क्षेत्र भत्ता- 25,000,  सचिवालय भत्ता- 15,000, वाहन भत्ता- 10,000,टेलीफोन- 10,000 , कुल भत्ता ₹90,000. दिल्ली कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने आम आदमी पार्टी से पूछा है कि जब तमाम मोबाइल कंपनी 1000 रुपये में अनलिमिटेड प्लान दे रही हैं, तो क्यों विधायकों को 10 हजार रुपए दिए जा रहे हैं.

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अनिल चौधरी ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी ने अपना दफ्तर भी सरकारी जमीन पर खोल रखा है. ऐसा कर सब्सिडी ली जा रही है. उन्होंने पूर्व सीएम शीला दीक्षित के समय को याद करते हुए कहा कि तब सभी विधायक अपने निजी दफ्तरों से ऑफिस चलते थे. लेकिन अब केजरीवाल ने सबकुछ बदल दिया है.

प्रस्ताव केंद्र के पास भेजा गया

जानकारी के लिए बता दें कि दिल्ली में विधायकों की सैलरी में पिछले करीब 10 साल यानी 2011 से बढ़ोतरी नहीं हुई थी. दिल्ली कैबिनेट द्वारा पास किया गया ये नया प्रस्ताव अब केंद्र सरकार को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. केंद्र की मंजूरी मिलने के बाद दिल्ली सरकार दोबारा दिल्ली विधानसभा में बिल लेकर आएगी और फिर विधायकों की सैलरी बढ़ा दी जाएगी.

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